तुमसा कोई नहीं है मांमेरे हर दुःख-दर्द कीदवा है मेरी मां,मुसीबतों के समयमख़मली ढाल है मेरी मां,अपनी चमड़ी के जूते बनाकरपहनाऊं वह भी कम है, मां,इस जहां में तो क्या,किसी भी जहां मेंतुमसा कोई नहीं है मां-विनीता शर्माइंद्रधनुष की रंगत मांप्यार की परिभाषा है मांजीने की अभ...
पोस्ट लेवल : "साभार"

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"26 सितंबर 1923 को देव आनंद पैदा हुए थे। उन्हें हमसे बिछड़े लगभग सात साल हो गए हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा के इस विलक्षण व्यक्तित्व को आज भी लोग दिल से याद करते हैं। बार-बार उनकी फिल्में देखते हैं और कई बार उनकी नकल भी करते हैं। उनकी याद में खास- चित्र साभार : ...

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हिंदी भारत की अमर वाणी है। हम भारतीयों को इस पर गर्व होना चाहिए। महात्मा गांधी ने भी कहा था कि राष्ट्रभाषा की जगह सिर्फ हिंदी ले सकती है, कोई दूसरी भाषा नहीं। यदि हिन्दुस्तान को सचमुच में एक करना है, तो कोई माने या न माने, राष्ट्रभाषा का दर्जा तो सिर्फ हिंदी ही ले...

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जिनके जन्मदिवस को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं, शिक्षकों व छात्रों को दिया गया उनका संदेश:चित्र साभार - Free Press Journalआप भाग्यशाली हैं कि स्वतंत्र भारत में रह रहे हैं, जिसे अपने विकास के लिए हर उस सक्षम नागरिक की जरूरत है, जो इस देश की सेवा बिना किस...

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डरावने बादल, तेज तड़तड़ाहट, चुंधियाती रोशनी और भयानक शोर-ऐसा पहले कभी न हुआ था, और न उम्मीद है कि दोबारा होगा। यह जापानी शहर हिरोशिमा पर परमाणु हमले का दृश्य था। अपराधी अमेरिका था, और उसके तत्कालीन राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने यह कहकर इस विनाशलीला का बचाव किया था कि मा...

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अनुच्छेद 370 का स्वरूपअनुच्छेद 370 का वर्णन हमारे संविधान में है। यह एक अस्थायी प्रबंध है, जिसके जरिये जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता वाले राज्य का दर्जा दिया गया है। इससे संबंधित प्रावधानों की चर्चा संविधान के भाग 21 में है, जो अस्थायी, परिवर्ती और विशेष प्रब...

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इस रचना का प्रसंग है कि एक नवयुवती छज्जे पर उदास बैठी है। उसकी मुख-मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली है। आदित्य जी ने इस प्रसंग पर विभिन्न कवियों की शैलियों में लिखा है:मैथिलीशरण गुप्तअट्टालिका पर एक रमिणी अनमनी सी है अहोकिस वेदना के...

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हमें अपने समाज से ऊंच -नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभाव को खत्म कर देना चाहिए। हमें आपसी झगड़े, ऊंच -नीच के भेदभाव को खत्म कर समानता की भावना को विकसित करना चाहिए और छुआछूत को दूर करना चाहिए। हमें एक ही ईश्वर की संतान के रूप में मिल-जुलकर जीवन जीना चाहिए। हमे...

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