इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है , काफी समय से दौड़ना बंद कर, आराम करने की मुद्रा में चल रहा हूँ ! हानिकारक मौसम में शरीर पर नाजायज जोर न पड़े इस कारण यह रेस्ट आवश्यक भी है मगर सम्पूर्ण आराम के दिनों खाने के चयन पर अतिरिक्त सावधानी बरतनी होती है ! अन्यथा ट्रकों के पीछे...
पोस्ट लेवल : "साहित्य"

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हिन्दी साहित्य के इतिहास में उपन्यास सम्राट के रूप में प्रसिद्ध मुंशी प्रेमचंद के पिता अजायब राय श्रीवास्तव लमही, वाराणसी में डाकमुंशी (क्लर्क) के रूप में कार्य करते थे। ऐसे में प्रेमचंद का डाक-परिवार से अटूट सम्बन्ध था। मुंशी प्रेमचंद को पढ़ते हुए पीढ़ियाँ बड़ी हो गई...

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पांच दशकों से अपने लेखन से पाठकों का दिल जीतने वाली कथाकार-उपन्यासकार-व्यंग्यकार वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यबाला को हाल ही में भारत भारती सम्मान से नवाजा गया है। भारत भारती उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सबसे बड़ा पुरस्कार है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्मीं सूर्यबाल...

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होली की मान्यता लोकपर्व के रूप में अधिक है किन्तु प्राचीन संस्कृत-शास्त्रों में इस पर्व का विपुल उल्लेख मिलता है । भविष्य पुराण में तो होली को...

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यूट्यूब चैनल 'अपना वीडियो पार्क' पर देखेंक्या किया पिता ने तुम्हारे लिए?तुमने साहस कहां से बटोराप्रश्न यह पूछने का।बचपन की छोड़ोतब की तुम्हें सुध न होगीजवानी तो याद है नतो फिर याद करो...पिता दफ्तर जाते थे साइकिल सेतुम्हें दिलाई थी नई मोपेडजाने के लिए कॉलेज।ऊंची पढ़...

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अबिरहा सम्राट पद्मश्री हीरालाल यादव के तैल चित्र व 'नागरी' पत्रिका का लोकार्पण [साहित्य समाचार] लोकगीतों में बिरहा को विधा के तौर पर हीरालाल यादव ने दिलाई पहचान - पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव भारतीय संस्कृति में लोकचेतना का बहुत महत्त्व है और लोकगायक इस...

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भूख [लघुकथा] – मनोज शर्मा दिन कितना हरा भरा था पर शाम होते होते सबकुछ धुंधला अस्पष्ट सा नज़र आने लगा। घर के बाहर बल्ब की मद्धिम रोशनी कुछ दूर जल रहे होलिजन लाइट में कहीं गुम हो रही थी। गली के एक कोने में दो तीन कुत्तों के भौंकने की आवाज़ हुई जिसको सुनकर और कुत्ते भ...

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भारत में भी है ‘सिल्क रूट टूरिज़्म’ का मजामध्यकालीन व्यापारिक गतिविधियों की रोचक और साहसिक कथाएँ सिल्क रूट या रेशम मार्ग में बिखरी पड़ी हैं। सिल्क रूट का सबसे चर्चित हिस्सा, यानि उत्तरी रेशम मार्ग 6500 किलोमीटर लंबा है। दुनिया-भर में बदलती स्थितियों के कारण स...

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सुबह अब होती है... तथा अन्य नाटक [पुस्तक चर्चा] – पंकज सोनी पुस्तक - सुबह अब होती है... तथा अन्य नाटककहानीकार- पंकज सुबीर, नाट्य रूपांतरण- नीरज गोस्वामीप्रकाशन : शिवना प्रकाशन, पी. सी. लैब, सम्राट कॉम्प्लैक्स बेसमेंट, सीहोर, मप्र, 466001, दूरभाष- 07562405545 प्रकाश...

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पीली रोशनी का समंदर [कहानी]-विपिन पवार लाल, पीला, दोहरा पीला, हरा – सिगनलों के यही रंग तो उसे साथ देते हैं रात के घने अंधियारे में । जब नामदेव अकेला चमड़े की बड़ी-सी थैली में 10 पटाखों से भरा एक डिब्बा, एक हाथ सिगनल बत्ती, टार्च, माचिस रखकर, कमीज की ऊपरी जे...