ब्लॉगसेतु

Yashoda Agrawal
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सुनो लड़कियोंअपने पैरों का खास ख्याल रक्खो..देखो एड़ियाँ कटी फटी न होंनाखून ठीक आकार लिए होंबढ़िया नेल पॉलिश लगी हो..इसलिये भी कि इन्ही से दौड़ना हैअपने सपनो के पीछेअपने अपनो के पीछेऔर सबको पीछे कर के सबके आगेतो इन्हें सर पर बैठा कर रखना होगा..और इसलिए भी किव्यस्तता कि...
 पोस्ट लेवल : फेसबुक निधि सक्सेना
sanjiv verma salil
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कार्यशालाआइये! कविता करें ६ :.मुक्तक आभा सक्सेनाकल दोपहर का खाना भी बहुत लाजबाब था, = २६अरहर की दाल साथ में भुना हुआ कबाब था। = २६मीठे में गाजर का हलुआ, मीठा रसगुल्ला था, = २८बनारसी पान था पर, गुलकन्द बेहिसाब था।। = २६लाजवाब = जिसका कोई जवाब न हो, अतुलनीय, अनु...
शिवम् मिश्रा
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ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान (जन्म:15 जुलाई 1912 आज़मगढ़ – मृत्यु: 3 जुलाई 1948) भारतीय सेना के एक उच्च अधिकारी थे जो भारत और पाकिस्तान के प्रथम युद्ध (1947-48) में शहीद हो गये। उस्मान 'नौशेरा के शेर के' रूप में ज्यादा जाने जाते हैं। वह भारतीय सेना के सर्वाधिक...
Yashoda Agrawal
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नहीं ज़िंदगीयूँ नग्न न चली आया करो कुरूप लगती हो बेहतर है कि कुछ लिबास पहन लोकि जब शिशुओं के पास जाओतो तंदुरुस्ती का लिबास ओढ़ो..जब बेटियों के पास जाओतो यूँ तो ओढ़ सकती हो गुलाबी पुष्पगुच्छ से सजी चुनरीया इंद्रधनुषी रंगों से सिली क़ुर्तीपरंतु सुनो तु...
Yashoda Agrawal
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बारिश खुली नही है अभीअभी तो बंधे पड़े हैं बादलहवाओं का बहकना बाकी है अभीअभी सूखा पड़ा है मन..कुछ ही बूंदे गिरी हैं अभीकि अभी तो सूरज धुला भी नहींकोई सांझ नहाई भी नहीं पोखर भरे भी नहीं बच्चे भीगे भी नहीं रात गुनगुनाई भी नहीं झींगुर बोले भी नहीं ..ह...
शिवम् मिश्रा
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फील्ड मार्शल सैम 'बहादुर' मानेकशॉसैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ (३ अप्रैल १९१४ - २७ जून २००८) भारतीय सेना के अध्यक्ष थे जिनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त किया था जिसके परिणामस्वरूप बंगलादेश का जन्म हुआ था।ज...
शिवम् मिश्रा
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नायब सूबेदार बाना सिंह (अंग्रेज़ी: Naib Subedar Bana Singh, जन्म: 3 जनवरी, 1949 काद्‌याल गाँव, जम्मू और कश्मीर) परमवीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैन्य अधिकारी है। इन्हें यह सम्मान सन 1987 में मिला। पाकिस्तान के साथ भारत की चार मुलाकातें युद्धभूमि में तो हुई...
Bharat Tiwari
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हमको कभी माफ़ मत करना, तबरेज़...दो दिन हुए, तबरेज़ की पिटाई का वीडियो न जाने कितने ही लोगों ने भेजा...देखने की हिम्मत जुटाना मुश्किल था...और फिर आज एक दोस्त से बात हुई और वहां से जवाब आया, "मुसलमान के लिए अब इस मुल्क़ में कोई जगह नहीं...तुम लोग जो चाहें कोशिश कर लो...
Yashoda Agrawal
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मेरी ही करुणा परटिकी है ये सृष्टि ..मेरे ही स्नेह से उन्मुक्त होते हैं नक्षत्र..मेरे ही प्रेम सेआनंद प्रस्फुटित होता है ..मेरे ही सौंदर्य पर डोलता है लालित्य ..और मेरे ही विनय पर टिका है दंभ..कि प्रेम स्नेह और करुणा का अक्षय पात्र हूँ मैं जितना...
Yashoda Agrawal
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बचपन से ही मुझे पढ़ाये गए थे संस्कारयाद कराई गईं मर्यादाएँहदों की पहचान कराई गई सिखाया गया बहनाधीरे धीरे अपने किनारों के बीचतटों को बचाते हुए..मन की लहरों को संयमित रख कर दायित्व ओढ़ कर बहना था आवेग की अनुमति न थी मुझेअधीर न होना था हर हाल श...