उस दिन सीनियर्स ने सुबह 10-11 बजे ही बुला लिया था। एक वजह से तो मुझे ख़ुशी भी हुई कि आज क्लास में नहीं जाना पड़ेगा। मगर सीनियर्स ने भी कोई पिकनिक के लिए नहीं, रैगिंग के लिए बुलाया था। उन्होंने दो-चार सवाल पूछे फिर अचानक एक सीनियर बोला-‘ग्रोवर, चल पैंट उतार!’ मैं बहु...
पोस्ट लेवल : "सैक्स"

0
व्यंग्यक्या मोर को यह बात मालूम है कि वह सैक्स नहीं करता इसलिए राष्ट्रीय पक्षी है ? या वह राष्ट्रीय पक्षी है इसलिए सैक्स नहीं करता या कर सकता ? क्या पता पहले करता हो मगर बाद में राष्ट्रीय होने के चक्कर में छोड़ दिया हो !? पदों-पुरस्कारों-उपाधियों आदि के चक्कर में लो...

0
नोट: दोस्तों….हाल ही में हिन्दी ब्लॉगजगत में घटित एक सच्ची घटना एवं कल्पना का ये समिश्रण आपको कैसा लगा?…ज़रूर बताएँ “हैलो….तनेजा जी?”… “हाँ!…जी बोल रहा हूँ…आप कौन?”… “मैं दुबे…जौनपुर से"… “जी!…दुबे जी…कहिये…क्या खिदमत कर सकता हूँ मैं आप...