आज विश्व हिंदी दिवस है। इस अवसर पर एक बेहद दिलचस्प किस्सा याद आ रहा है। बात ग्यारह अप्रैल 1941 की है। जबलपुर में सेंट्रल प्रोविंस एंड बेरार स्टूडेंट्स फेडरेशन का एक सांस्कृतिक अधिवेशन होना तय हुआ था। फेडरेशन के सचिव चाहते थे कि इस अधिवेशन का शुभारंभ अभिनेता और निर्...
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Hindi Hain Hum / हिंदी है हम / We Are Hindi - Hindi Diwas / हिंदी दिवसHindi Hain Hum / हिंदी है हम / We Are Hindi - Hindi Diwas / हिंदी दिवसइस हिंदुस्तान कि मिट्टी में,हमने जन्म लिया है|इस रिश्ते के नाते,बेशक हिंदी है हम||बेशक हिंदी है हम...भल...

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आओ हिंदी दिवस मनाऍं- करण समस्तीपुरीस्वाभिमान की भाषा हिंदी। जन मन की अभिलाषा हिंदी। सुंदर इसकी है अभिव्यक्ति। इसमें है सम्मोहन शक्ति। भारत के माथे की बिंदी। पुरस्कार देती है हिंदी। चलो कहीं भाषण कर आएँ। कविता दोहा गीत सुनाएं। ...

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हिंदी हमारी राजभाषा हैं। आज भी कई लोग हिंदी को ही राष्ट्रभाषा समझते हैं! लेकिन हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा नहीं, राजभाषा हैं!! भारत की कोई राष्ट्रभाषा नहीं हैं। क्योंकि भारत में कई प्राचीन भाषाएं हैं जो पूरी तरह विकसित हैं और बड़े जनसमूह द्वारा बोली जाती हैं। भारत में स...

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हम हिंदी से शर्म लिहाज करेंये पिछड़े होने की निशानी हैक्यों कहें स्वयं को अक्षम हमखुद से ही भेद-भाव बेमानी हैंनहीं गुलाम हैं दूजी भाषा केहर बच्चे में अलख जगानी हैप्रधानमंत्री जी की शुभकामनाअब जन-जन तक पहुंचानी हैइस देश के वैश्विक उत्थान कोहम सब को हिंदी अपनानी है।

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कुण्डलिया, कुंडली, कुण्डलिनी * 'कुण्डलिनी चक्र' आधारभूत ऊर्जा को जागृत कर ऊर्ध्वमुखी करता है। कुण्डलिनी छंद एक कथ्य से प्रारंभ होकर सहायक तथ्य प्रस्तुत करते हुए उसे अंतिम रूप से स्थापित करता है। नाग के बैठने की मुद्रा को कुंडली मारकर बैठना कहा जाता है। इसका...

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GOOGLE IMAGEहम सब के माथे की शानहिंदी से है अपना हिन्दोस्तान,कश्मीर से कन्याकुमारी औरपोरबन्दर से सिलचर तकहिंदी ने कभी कोईसरहद या दीवार नहीं बनाई,सबने वही जुबां बोलीजो समझ में आई;फिर भी ये उपेक्षा कीदहलीज़ पे ही रहती है:स्वर-व्यंजनों का स्नेहिल संयोजनपहले अपनों को ही...