ब्लॉगसेतु

Ravindra Prabhat
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आज सुबह-सुबह अचानक होटल के दरीचे से झाँका तो डॉ श्याम गुप्त को बेंगळूरू में देखकर चौंक गया। अरे आप कहाँ? उन्होने मुसकुराते हुये कहा कि आजकल मैं भी बेंगळूरू में ही हूँ। अब कोई लखनऊ से आए और मैं न मिलूँ ऐसा कैसे हो सकता है। डॉ श्याम गुप्त एक शल्य-चिकित्सक हैं जो हिन...
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विश्व में बोली जाने वाली अनेक भाषाओं में इंटरनेट के माध्यम से अभिव्यक्ति की बात की जाये तो एक ही शब्द जेहन में आता है और वह है ब्लॉग। इस शब्द को 1999 में पीटर मरहेल्ज नाम के शख्स ने ईजाद किया था। सबसे पहले जोर्न बर्जर ने 17 दिसंबर 1997 में वेबलॉग शब्द का इस्ते...
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आज भले ही हिंदी साहित्य ब्लॉग पर अपनी शैशवास्था में हो पर आने वाला समय निश्चित रूप से उसी का है। वर्तमान में हिंदी के साहित्यकारों की पहुंच भी इन ब्लॉगों पर लगभग 10 प्रतिशत के आसपास ही है। लेकिन इंटरनेट उपयोगकर्त्ताओं की बढ़ती संख्या आश्वस्त  करती है...
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..आज जिसप्रकार हिंदी ब्लोगर साधन और सूचना की न्यूनता के बावजूद समाज और देश के हित में एक व्यापक जन चेतना को विकसित करने में सफल हो रहे हैं वह कम संतोष की बात नही है । हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप देने में हर उस ब्लोगर की महत्वपूर्ण भुमिका है जो बेहतर प्रस्तुतीकर...
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........गतांक से आगे ....हिंदी ब्लोगिंग के समूचे परिदृश्य के बिहंगावलोकन के क्रम में मैंने वर्ष-२००३ से वर्ष-२००८ तक के सक्रिय और महत्वपूर्ण ब्लॉग का उल्लेख कर चुके हैं , संभव है कुछ और महत्वपूर्ण ब्लॉग शेष रह गए हों , जिनकी चर्चा न की जा सकी हो । अब आज के इस अंक म...
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......गतांक से आगे ....वर्ष-२००८ में मैं कुछ ऐसे ब्लोग्स से रूबरू हुआ जिनमें विचारों की दृढ़ता स्पष्ट दिखाई दे रही थी । मुझे उन चिट्ठों की सबसे ख़ास बात जो समझ में आयी वह है पूरी साफगोई के साथ अपनी बात रखने की कला । ब्लॉग चाहे छोटा हो अथवा बड़ा , किसी भी पोस्ट ने मे...
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.........गतांक से आगे .....वर्ष-२००८ में चिट्ठा चर्चा के ३  वर्ष पूरे हुए, यह एक सुखद पहलू रहा हिंदी ब्लोगिंग के लिए, क्योंकि जनवरी-२००५  में ज़ब इसकी शुरुआत हुई थी, तब उस समय हिन्दी ब्लॉगजगत मे गिने चुने ब्लॉगर ही हुआ करते थे। उस समय...
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वर्ष -२००८ में हास्य-व्यंग्य रचनाओं के माध्यम से जिन चिट्ठों ने खूब धमाल मचाया , वह हैं - इस वर्ष हिंदी ब्लोगिंग में एक ऐसे ब्लॉग की शुरुआत हुई , जिसने हास्य-व्यंग्य की अनोखी रसधाराएं प्रवाहित करने में सफलता प्राप्त की.....नाम है " ताऊ डोट इन " इस ब्लॉग ने अपने पहल...
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......गतांक से आगे “यूँ न रह-रह के हमें तरसायिये, आईये, आ जाईये , आजायिये ,फ़िर वही दानिश्ता ठोकर खाईये, फ़िर मेरे आगोश में गिर जाईये,मेरी दुनिया मुन्तजिर है आपकी , अपनी दुनिया छोड़ कर आजायिये…।!”यही ग़ज़ल है , जिसे हम गुनगुनाते हुए आज की चर्चा की शुरूआत करने जा रहे ह...
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....... गतांक से आगे .....हम बात कर रहे हैं मुम्बई हमले के बाद हिंदी ब्लॉग की भूमिका के बारे में , चलिए आगे बढ़ते हैं -जनवरी-२००८ में हिंदी ब्लॉगजगत में एक गंभीर बहस को जन्म देने वाला ब्लॉग आया "मेरी आवाज़ " शिकागो निवासी श्री राम त्यागी के इस ब्लॉग ने बड़ा ही महत्वप...