दोस्तों, क्या आप सोच सकते हैं कि "अनपढ़ और गँवार" लोगों का भी कोई ग्रुप इन्टरनेट की दुनिया पर भी हो सकता है? मैं आपका परिचय एक ऐसे ही ग्रुप से करवा रहा हूँ. जो हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु हिंदी प्रेमी ने बनाया है. जो अपना "नाम" करने पर विश्वास नहीं करता हैं बल्कि अच...
पोस्ट लेवल : "हिंदी"

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– जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”गो-वध बंद करो जल्दी अब, गो-वध बंद करोभाई ! इस स्वतंत्र भारत में, गो-वध बंद करो.महापुरुष उस बाल कृष्ण का, याद करो तुम गोचारणनाम पड़ा गोपाल कृष्ण का, याद करो तुम किस कारणमाखन-चोर उसे कहते हो, याद करो तुम किस कारणजग-सिर-मौर उसे कहते हो, याद...

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एक थी दुनिया..इस भरे-पूरे ब्रह्मांड में कहीं किसी एक कोने, अपने में सिमटी हुई एक छोटी सी दुनिया. (अब शीर्षक से और इस introduction से आप confuse ना हों..."एक थी दुनिया" कहने का मेरा मतलब सिर्फ इतना है कि जिस संसार में हम सब रहते है ..वहाँ हम सब की अपन...

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आज George Hegel का एक quote पढ़ा अखबार में, जो बहुत तर्कपूर्ण बात कहता है .."असल त्रासदी सही और गलत के बीच टकराव या मतभेद होना नहीं, असल त्रासदी दो सही के बीच टकराव का होना है.."सबकुछ सही है, कोई चीज़, कोई शख्स अपनी जगह गलत नहीं है ...लेकिन फिर भी कुछ...

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– जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”पराधीन रहकर सरकस का शेर नित्य खाता है कोड़ेपराधीन रहकर बेचारेबोझा ढोते हाथी-घोड़े.माता – पिता छुड़ा, पिंजरे मेंरखा गया नन्हा –सा तोतावह स्वतंत्र उड़ते तोतों कोदेख सदा मन ही मन रोता.चाहे पशु हो, चाहे पंछीपरवशता कब , किसको भायीकहने का मतलब यह...

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– जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”श्रम का सूरज उगा, बीती विकराल रात,भागा घोर तम, भोर हो गया सुहाना है.आलस को त्याग–अब जाग रे श्रमिक, तुझेनये सिरे से नया भारत सिरजाना है.तेरे बल- पौरुष की होनी है परीक्षा अबविकट कमाल तुझे करके दिखाना है.आया है सृजन-काल, जाग रे सृजनहार,जा...

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आज आपके लिए और बच्चो के लिए बहुत ही बेहतरीन मूवी लाया हु जिन्हें देख कर आपको बहुत मजा आएगा ये सारी मूवी ओरिजनल प्रिंट और हिंदी में है तो फिर देर किस बात की जल्दी से मूवी डाउनलोड करे मैं जो अपने ब्लॉग पर मूवी डालता हू वो बस torrent file फाइल होती है इनका साइज बहुत ह...

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– जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”जो अपने सारे सुख तज करजन-हित करने में जुट जावेंदूर विषमतायें कर - कर केजो समाज में समता लावेंजन-जागरण ध्येय रख अपनाघर-घर जाकर अलख जगावेंउनके अनुगामी बन कर हमराह उन्हीं की चलते जावें.लहू-पसीना औंटा करकेखेतों में अनाज उपजावेंजो खदान-का...

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वे इस बात की पूरी गारंटी ले रहे हैं कि हम कोई गारंटी नहीं ले सकते, आखिर वे देश के एचएम हैं और उनकी बात तो माननी ही होगी। आजकल के आतंकी फैशन के युग में इतना साफ सच कहना भी आसान नहीं है कि हम न तो आतंकी हमलों को रोक सकते हैं और न ही इन हमलों से किसी की जान बचा सकते क...

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आज सितम्बर चौदह का दिनआओ इसको पर्व करेंप्राण-प्रतिष्ठा करें हृदय मेंहिंदी पर हम गर्व करें.संस्कृत भाषा की बिटिया यहलोक भाषाओं की दीदीसरल,सुबोध,सर्व-मान्य हैभारत की भाषा –हिंदी.ऋषियों के आंगन में खेलीप्रांत-प्रांत में बढ़ी – पलीजन गण मन को प्यार दिया परकुछ अपनों से...