मेरा सपना भी तुम और सच भी तुम..खुली आँखों के चमकते जुगनू भी तुम और बंद आँखों की पलकों का सुकून भी तुम ...जागती हुई आँखों के आगे का नज़ारा भी तुम और बंद आँखों का भ्रम भी तुम. क्या सच , क्या सपना ..सब कुछ सिमट कर एक ही रंग, एक ही...
पोस्ट लेवल : "हिंदी"

0
एक दोस्त के कहने पर बहुत टाइम के बाद कल एक मूवी देखी ये मूवी तीन दोस्तों के ऊपर बनी है आपको भी अच्छी लगेगी ये मूवी वेसे तो पूरी की पूरी मूवी बहुत अच्छी है लेकिन इसमें एक सीन बहुत अच्छा लगा आप भी देखे उस सीन को निचे उसका लिंक हैhttp://www.youtube.com/watch?v=zo...

0
जिसे पाने की उम्मीद पे चला हूँ,वो मंजिल तो कभी दिखाई ही नहीं देती। के हर रहगुज़र बन के मेरा हमसफर,अक्सर मुझे यूं ही तन्हा छोड़ गया। पर फिर भी जाने किस उम्मीद में जी रहा हूँ,के कभी तो मंज़िल को पा ही लूँगा। और वो भी फिर आएगा एक बार फिर पास मेरे,जो पिछ...

0
आह !कितना सुकून है जब,कोई काम आपके मन का होता है...लगता है जैसेकोई मनचाही कामना पूरी होने लगी हो...!आज कुछ ऐसे ही जज़्बात मेरे दिल से बयान हो रहे हैं, आज बहुत दिनों बाद मैं फिर आपके समक्ष हिन्दी ब्लॉगिंग गाइड को लेकर आया हूँ। चूंकि मैंने कहा था कि कुछ वक्त के...

0
जाने क्यों थोडे थोडे समय बाद इस तरह की बातें , देखने सुनने और पढने को मिल जाती हैं , जिसमें कोई हिंदी ब्लॉगर हिंदी ब्लॉगिंग का माखौल उडाता , या फ़िर उसका अपमान सा करता दिखता है । किसी को गुटबाजी दिखाई देती है तो किसी को लेखन में कचरा ही दिखाई देता है , किसी को यहां...

0
फ़िल्में समाज का आईना(दर्पण) होती हैं ,ऐसा मानने वालों की कोई कमी नहीं है. इसकी वजहें भी हैं.प्रख्यातफिल्मकारों ने शुरुआत से ही अपनी फिल्मों का ताना-बाना इस तरह बुना कि उनमे समाज की किसी न किसी सामाजिक समस्या को स्पष्ट रूप रेखांकित किया जा सकता था.विधवा प...

0
दोस्तों पिछले लेख में मैंने आपको हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड का मकसद बताया था, और इससे पहले मैंने हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड के गूगल ग्रुप, फेसबुक ग्रुप व लिंक्डइन.कॉम व ऑरकुट के ग्रुप के बारे में भी बताया था, चलो आज कुछ नया किया जाए... पर क्या ? हिंदी ब्ल...

0
उसे क्यों याद करूँ जो कभी मेरी थी ही नहीं...ऐ खुदा ! बस एक इल्तिजा है मेरी के खुश रखना सदा उसे जिसने मुझे खुश होना सिखाया जिसने मेरे गीतों को अपने होंठों से था लगाया और जिसने मेरे दिल को एक बार फिर धड़कना था सिखाया...आज वो जहाँ भी है, शायद खुश ह...

0
दोस्तों…जैसा कि इस कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे ‘दुबे’ नाम का एक अनजाना शख्स मुझे चने के झाड पे चढाते हुए मेरी कहानी पर फिल्म बनाने का ऑफर देता है और कई दिलचस्प मोड़ों के बाद बदलते घटनाक्रम के दौरान वो मेरी किताब भी छपवाने का वा...

0
मेरे पिछले लेखों में मैंने आपको हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड से सम्बंधित जानकारियों समेत यह बताया कि आखिर हिंदी ब्लॉग्गिंग गाइड को लिखने का ख्याल किस तरह डॉ. अनवर जमाल खान जी को आया. और फेसबुक, ऑरकुट, गूगल ग्रुप्स तथा लिंक्डइन.कॉम...