??????? :- ब्लागरी जिसमें कमेन्टरी भी है , उसे समय की हलचलों से साक्षात्कार और उससे बावस्तगी का माध्यम भी मानता आया हूँ | इसलिये कुमार विश्वास को लेकर जुटे (अंध)भक्तों के समक्ष कुछ बातें रखना अनुचित नहीं होगा।विगत माह भर से इस इन्टरनेट पर जिस एक मुद्दे पर उलझता रहा...
पोस्ट लेवल : "हिंदी"

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घरेलू हिंसा अधिनियम व धारा 498ए पर मेरी बेबाक टिप्पणियां और विचारधाराप्रिय दोस्तों व पाठकों, पिछले दिनों मैं काफी परेशान चल रहा था और इन्टरनेट पर कुछ खोजने की कोशिश कर रहा था कि अचानक ही एक वेबसाइट http://www.saveindianfamily.org/...

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घरेलू हिंसा अधिनियम व धारा 498ए पर मेरी बेबाक टिप्पणियां और विचारधारा प्रिय दोस्तों व पाठकों, पिछले दिनों मैं काफी परेशान चल रहा था और इन्टरनेट पर कुछ खोजने&n...

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हाँ!…मैंने भी ‘बलात्कार' किया…किया है उसका …जो जगत जननी है …जीवन दायनी है…लाखों-करोड़ों की संगिनी है … खुद मेरी भी अपनी है … मैं ताकता हूँ हर उस ऊंचाई की तरफ…हर उस उपलब्धि की तरफ …जो मुझे खींच ले जाए लक्ष्मी के…कुबेर के द्वार…पर इसी सनक में भूल जाता हूँ...

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राष्ट्रभाषा हिंदी की दशा और दिशा पर पत्रिका "द संडे इंडियन " के ताजा अंक में अविनाश वाचस्पति जी ने हिंदी ब्लोग्गिंग और ब्लोग्गर्स का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतर्जाल पर हिंदी के मजबूत होते कदम और उसमें हिंदी ब्लोग्गिंग के योगदान और महत्व की चर्चा की । सबसे बडी बात ये...

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पिछले दिनों मैंने विदेशों में रहकर हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख व्यक्तियों से आपका परिचय कराया . आज इस श्रृंखला के अंतर्गत हम आपका परिचय करवा रहे हैं अनिल जनविजय जी से -28 जुलाई 1957 को उत्तर प्रदेश के बरेली में जन्में श्री...

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विदेशों में बसे हिंदी सेवी की चर्चा के दौरान पिछले पोस्ट में आप सभी ने सुश्री पूर्णिमा वर्मन : संयुक्त अरब इमारात (यूएई) / श्री सुमन कुमार घई : कनाडा / श्री तेजेन्द्र शर्मा : यू.के./ डॉ....

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विदेशों में हिन्दी के प्रचार-प्रसार से जुड़े हिन्दी-प्रेमी () सुश्री पूर्णिमा वर्मन : संयुक्त अरब इमारात (यूएई) संपादक : विश्वजाल पत्रिका अभिव्यक्ति एवं अनुभूति () श्री सुमन कुमार घई : कनाडा संपादक : विश्वजाल पत्रिका साहित्य...

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मैं हिंदी हूँ ! विश्व के लगभग १३७ देशों में हमारे अनुयायी बसते हैं, वे मुझसे वेहद प्रेम करते हैं। १९९८ के पूर्व मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकडे उपलब्ध हुए, उनमें मैं तीसरे पायदान पर हूँ...