कहानियां किसके बारे में कही जाती हैं ? कहानियों से क्या आशा की जाती है कि उन्हें हमेश हैप्पी एंडिंग या कोई स्टीरियो टाइप एंडिंग होनी चाहिए ? अनगिनत फिल्में और उपन्यास जो अब तक रचे जा चुके, उनमे हर उस संभावना पर एक विस्तृत कथा है जिसके होने की कहीं एक ज़रा...
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हिंदी गज़ल|| Hindi Gazalअगर मुमकिन नहीं है फिर ये दावा कौन करता हैकोई भी फैसला उसके अलावा कौन करता हैउन्हें तो छींक पर भी दाद मिलती है जमाने कीहमारे शेर पर वाह—वाह, वा—वा कौन करता हैकिया है इश्क मैंने इसलिए मालूम है सबकुछमुहब्बत कौन करता है दिखावा कौन करता है।। ...

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हिंदी प्रेरणादायक कहानी
Motivational Story In Hindi
एक बार की बात है। एक कुएं में एक मेंढक रहता था। उसने कुएं के सिवा बाहर की दुनिया कभी नहीं देखी।
एक दिन एक महासागर की मछली अचानक बहते बहते कुएं में आ गई।
अब इन दोनों के बीच बातचीत कैसे हुई, यह देखिए:...

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आज विश्व हिंदी दिवस है। इस अवसर पर एक बेहद दिलचस्प किस्सा याद आ रहा है। बात ग्यारह अप्रैल 1941 की है। जबलपुर में सेंट्रल प्रोविंस एंड बेरार स्टूडेंट्स फेडरेशन का एक सांस्कृतिक अधिवेशन होना तय हुआ था। फेडरेशन के सचिव चाहते थे कि इस अधिवेशन का शुभारंभ अभिनेता और निर्...

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"दादी माँ, दादी माँ...मैं भी आपके साथ चलता हूं सब्जी खरीदने।" दस साल के अनिल ने कहा। "नहीं बेटा, बाहर कोरोना है!" "अब तो सब अनलॉक हो रहा है। देखों न रास्ते पर भी कितनी भीड़ है। प्लीज़ मुझे ले चलो न। कितने महीने हो गए मुझे आपके साथ बाजार गए। मैं मास्क लगाकर...

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शायद यह अकेला समाज है जहाँ ऊपरी दिखावे को सम्मान देना सिखाया जाता है ! अगर सामने से कोई गेरुआ वस्त्र धारी और पैर में खड़ाऊं पहने आ रहा है तो पक्का उस महात्मा के चरणों में झुकना होगा और आशीर्वाद मांगना ही है चाहे वह बुड्ढा पूरे जीवन डाके डालकर दाढ़ी बढ़ाकर छिपने के लिए...

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जीवन के महत्व को समझाती हिन्दी कहानी
Hindi Motivational Story
एक राजा वन में शिकार पर निकला था। रास्ता भूल जाने के कारण और भूख प्यास से पीड़ित होकर जंगल में ही किसी वनवासी की झोपड़ी में शरण ली। वनवासी ने उसकी मेहमान नवाजी की और उसे भोजन दिया।
राजा न...

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तो तुम लेखक बनना चाहते हो- चार्ल्स बुकोवस्कीअगर फूट के ना निकलेबिना किसी वजह केमत लिखो.अगर बिना पूछे-बताये ना बरस पड़ेतुम्हारे दिल और दिमाग़और जुबां और पेट सेमत लिखो.अगर घंटों बैठना पड़ेअपने कम्प्यूटर को ताकतेया टाइपराइटर पर बोझ बने हुएखोजते कमीने शब्दों कोमत लिखो.अगर...

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शब्दों का आधार ध्वनि है, तब ध्वनि थी तो स्वाभाविक है शब्द भी थे। किन्तु व्यक्त नहीं हुये थे, अर्थात उनका ज्ञान नहीं था । उदाहरणार्थ कुछ लोग कहते है कि अग्नि का आविष्कार फलाने समय में हुआ। तो क्या उससे पहले अग्नि न थी महानुभावों? अग्नि तो धरती के जन्म से ही है किन्त...

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सबसे पहले *हिन्दी* को समझते है ।यह जिस भाषा धारा के विशिष्ट दैशिक रुप का नाम है वह है संस्कृत ।संस्कृत का समय 1500ई.पूर्व से 500ईस्वी पूर्व तक माना जाता है।तत्कालीन समय में बोलचाल की भाषा संस्कृत ही थी। उसी का शिष्ट और मानक रूप सँस्कृत साहित्य में प्रयुक्त हुआ।यह ध...