श्री पवन कुमार(I.A.S)निदेशक उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान,लखनऊविशेष -पवन कुमार जी अपनी ग़ज़लों के लिए जाने जाते हैं लेकिन अभी हाल में एक उपन्यास 'मैं हनुमान 'प्रकाशित हुआ और काफी सराहा जा है | यह उपन्यास रामभक्त अजर अमर भक्त शिरोमणि हनुमान जी पर लिखा गया है...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-तुम्हारा चाँद, तुम्हारा ही आसमान रहाहवा में,धूप में,पानी में फूल खिलते रहेहज़ार रंग लिए ख़ुशबुएं बदलते रहेबड़े हुए तो सफ़र में थकान होने लगीतमाम बच्चे जो घुटनों के बल पे चलते रहेसुनामी,आँधियाँ, बारिश,हवाएँ हार गईंबुझे चराग़ नई तीलियों से जलत...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-मौसम अच्छा धूप गुलाबीमौसम अच्छा धूप गुलाबी क्या दूँ इसको नामराधा कृष्ण कहूँ या इसको लिख दूँ सीतारामचन्दन की खुशबू में लिपटे दीपक यादों केरामचरितमानस को लेकर बैठी दूल्हन शामभींगे पंखों वाली तितली लिपटी फूलों सेमौसम आया फूल तोड़ने करके चार...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-धूप निकल जाए तो अच्छासंक्रान्ति है मौसम ये बदल जाए तो अच्छाभींगी हैं छतें धूप निकल जाए तो अच्छालो अपनी ही शाखों से बग़ावत में परिंदेअब इनका ठिकाना ही बदल जाए तो अच्छाअब ख़त्म हो ये लूट,घरानों की सियासतकुछ देश का कानून बदल जाए तो अच्छाजो द...
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चित्र साभार गूगलएक ताज़ा ग़ज़ल-सर्द मौसम में खिली धूप गुलाबों की तरहसर्द मौसम में खिली धूप गुलाबों की तरहजाम खुशबू का लिए शाम शराबों की तरहछोड़कर आसमां महताब चले आओ कभीतुझको सिरहाने सजा दूँगा किताबों की तरहजिनकी तस्वीर तसव्वुर में लिए बैठे रहेवो मुझे भूल गए रात क...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-मौसम सारे अच्छे थेधूप,हवाएँ, बादल, बिजली,चाँद-सितारे अच्छे थेजब तक उसके साथ सफ़र था मौसम सारे अच्छे थेमन्द मन्द मुस्कान किसी की माँझी भी गुलज़ार सा थाफूलों की टोकरियाँ लादे सभी शिकारे अच्छे थेपक्का घर हैं आँखें सुंदर पर आँखों में नींद नही...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-चटख मौसम,किताबें,फूल चटख मौसम,किताबें,फूल,कुछ किस्सा,कहानी हैमोहब्बत भी किसी बहते हुए दरिया का पानी हैनहीं सुनती ,नहीं कुछ बोलती ये चाँदनी गूँगीमगर जूड़े में बैठी गूँथकर ये रात रानी हैसफ़र में थक के मैं पीपल के नीचे लेट जाता हूँदिए कि लौ म...
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चित्र साभार गूगलएक ताज़ा ग़ज़ल-अच्छी चीजें सबको अच्छी लगती हैंराग ,रंग,सुर,ताल बदलकर गाता हैखुशबू,बारिश,धूप का मौसम आता हैकोई दरिया खारा कोई मीठा हैप्यास बुझाता कोई प्यास बढ़ाता हैअच्छी चीजें सबको अच्छी लगती हैंबच्चा भी खिड़की से चाँद दिखाता हैसबको शक था कौन है उसके कमर...
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चित्र साभार गूगलएक ग़ज़ल-कितना अच्छा मौसम यार पुराना थाकितना अच्छा मौसम यार पुराना थाघर- घर में सिलोन रेडियो गाना थाखुशबू के ख़त होठों के हस्ताक्षर थेप्रेम की आँखों में गोकुल,बरसाना थाकौन अकेला घर में बैठा रोता थासुख-दुःख में हर घर में आना-जाना थारिश्तों में खटप...
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सुप्रसिद्ध ग़ज़ल गायिका पीनाज़ मसानीएक ग़ज़ल-कोई गा दे मुझे पीनाज मसानी की तरह धूप के साथ में बारिश की कहानी की तरहतुम हो सहरा में किसी झील के पानी की तरहकोई पानी नहीं देता उसे मौसम के सिवाफिर भी जंगल है हरा रात की रानी की तरहवक्त ने छीन लिया वेश बदलकर स...