सादर नमस्कारगुज़रता जा रहा है नवम्बर भीसरकार बनी नही आज तकविमर्श चल रहा हैचलने दीजिएअच्छी खासी जुताई के बादजो पौधे उगते हैंवो बलशाली होते है...रचनाएँ देखेंगुनगुने पानी से रोगों का इलाजआथ्र्राइटिस के मरीज थोड़े-से गुनगुने पानी में कच्ची हल्दी का पेस्ट मिला लें। इस प...
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स्नेहिल अभिवादन-------बंधनमुक्त,धरा पर खींचीं सीमाओं से परे,गगन में अपने पर फैलाये उड़ते,वृक्षों में रहने वाले हमारी सृष्टि की खूबसूरत कृति है पक्षी। मरे जीवों को साफ करने में,खुले में फेंके अनाजों की सफाई में, खाद्य श्रृंखला में, पारिस्थितिकी संतुलन मे,बी...

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स्नेहाभिवादन !आज के "सांध्य दैनिक मुखरित मौन" संकलन में आप सबका हार्दिक स्वागत ।इस सप्ताह एक ही दिन स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का पर्व है अतः अग्रिम हार्दिक शुभेच्छाएँ ।आज के चयनित सूत्र.. आप सब के अवलोकनार्थ--हसरतों की इमलियाँ .... नीरज गोस्वामीहसरतों की इ...

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।।भोर वंदन।।ये आज है...कल थक कर बिखर गया हैजैसे थक जाती है रातऔर कई आकाश गंगाएं ओढ़ कर सो जाती है।एक तकिया चाँद का सिरहाने रखसपनों पर रखती है सिर..और सुबह की रूई गरमाकरबिनौलों संग उड़ जाती है दूर दिशाओं के देश में...अपर्णा भटनागरहाँ.. ये आज है..कल गुज़र गई, नई बातें...

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स्नेहिल अभिवादन...-------मन या तन की पीड़ा में अंतस से निकली कराह वेदना कहलाती है।वेदना के विषय म़े मेरे लिखने लयक कुछ बचा नहीं हैहमारे सम्माननीय रचनाकारों के द्वाराविषय पर अद्भुत रचनाएँ लिखी गयी है।हर बार किसी भी विषय परसृजनशील क़लमकारों के द्वाराबस क़माल ही लिख जाता...

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यथायोग्य सभी कोप्रणामाशीषजहाँ संस्कार में जहर है घुलावहाँ दूध ढूँढ़ रहे दूध का धुलाबदल देना तुम जितना बदल सकोशह हो चुकी है तुम ना दहल सको‘इच्छा’, ‘वासना’, ‘कामना’, ’त्याग तो सही’'पिपासा'/'तृष्णा से बच’ दूर भाग तो सही'बुझालो अपनी पिपासापपीहा : एक पक्षी होत...

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सादर अभिवादन। नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। खाँचों में बँटता देश यह मेरा वह तेरा प्रदेश क्षेत्रवाद की कुंठा का हो रहा विस्तार राष्ट्रीयता का भाव हो रहा तार-तार। आइये अब आपको ले चलते हैं आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर -कविव...

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सादर अभिवादन....तीसरी वर्षगाँठ के नजदीक हैं हमरथ-यात्रा का पर्व बस समझिए आ ही गयाकोई बादल नहीं...और बरसात भी नहींऐसे में नेट काम न करे...हिमांचल का रास्ता जिओ को शायद नहीं पताचलिए चलें आज की पसंदीदा रचनाओँ की ओर....हरी में नित मन जो विभोर है...सन्नाटे में भी यहाँ श...

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सादर अभिवादनरामनवमीजन्म हुआ था आजभगवान श्रीराम काप्रणाम करते हैं उनकोआप भी करिए न...बस ...निहारे ही जा रहे हैं...श्रीराम कोआज की मिली-जुली रचनाएँ............एहसास...श्वेता सिन्हाएक अनजानी कशिशखींचती है अपनी ओरएकान्त को भर देती हैमहकती रोशनी सेऔर मैं विलीन हो जाती ह...

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मैं सोच-सोचकर परेशान हूँ आखिर उन ३-४-५ साल की मासूम बच्चियों ने कैसे भड़काऊ वस्त्र पहने होगें, जो अमानवीय कृत्य का शिकार हो गयीं। कैसी अदाएँ दिखायी होंगी जो किसी को वासानात्मक रुप से उकसा गयी। जिनको लड़की या लड़का का मतलब भी नहीं पता वो...