MediaLink Ravinder 0 नहीं रहे सोये हुए ज़हनों को झंझोड़ने वाले अज़ीम अमरोहवी साहिब हिंदी स्क्रीन फेसबुक ट्विटर गूगल 10 अक्टूबर 2020 10:45 अपराह्न रिपोर्ट स्पैम आंकड़े साहित्य कलम से ज़ुल्म की कलाई मरोड़ना उन्हें बाखूबी आता था आता था कोरोना ने हमसे बहुत ख़ास ख़ास लोग छीन लिए। शायरी, सियासत, कला, फ़िल्में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र बचा हो जिसमें से कोई न कोई घर सूना न हुआ हो। इसी दुखद कड़ी में एक और नाम है जना... पोस्ट लेवल : Death Social Media Azeem Amrohvi Facebook Poetry Tasweer Naqvi Sad News