बाकी बहुत ज़्यादा बातें तो मैं जानती नहीं,पर जो समझ पाती हूं वो और हैऔर जो समझाई जाती हूं वो और है...अंडा-करी और आस्थादामिनी यादव की कविताआज वर्जित वार है,मैंने दिन में अंडा-करी खाई थीऔर शाम को दिल चाहा,इसलिए अपने घर के मंदिर में,बिना दोबारा नहाए ही जोत भी जलाई थी,...
पोस्ट लेवल : "Damini"

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एक से बढ़कर एक तलवारें, एक से बढ़कर एक उनकी धारें. कविता को राह दिखाती दामिनी यादव की चार एक से बढ़कर एक कवितायेँ - भरत तिवारी दामिनी यादव ||| बिकी हुई एक कलम...बिकी हुई कलम के दाम बहुत होते हैंपर बिकी हुई कलम के काम भी बहुत होते हैंबिकी हुई कलम को कीच...

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क्योंकि एक बस चार दरिंदे लिये, शान से चलती गयीCourtesy Photoदिल्ली की वह दरिंदगी भरी वहशियाना वारदात याद आते ही आज भी आम जनमानस के दिलो-दिमाग में एक सिहरन सी दौड़ जाती है। सियासत की अपनी मजबूरियां हो सकती हैं। कानून के हाथ नियमों से बंधे हो सकते हैं और पु...

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दिल्ली बलात्कार कांड के फ़ैसले के आने से पहले यदि किसी से भी पूछा जा रहा था कि वो इस अपराध के आरोपियों को क्या सज़ा पाते हुए देखना चाहते हैं तो दस में आठ व्यक्तियों का कहना था कि , उन्हें मौत की सज़ा मिलनी चाहिए । खुद गृह मंत्री तक भावावेश में एक विवादास्पद बयान दे गए...

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वो मर गई .. पर हम औरतों को बता गई कि लड़की होना सचमुच गुनाह है .. वो मर गई पर हमें सिखा और समझा गई कि बेटियाँ क्यों पैदा ना होने पाएं ..वो मर गई पर हमें आईने में अपनी सूरत दिखा गई कि हमारी आँखों का पानी म...

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वो ICU से बाहर निकल आई .. वहाँ का माहौल अच्छा नहीं लग रहा था .. मद्धिम रौशनी में सब कुछ धुंधला सा दिख रहा था। उसने देखा डॉक्टर्स और नर्स बिस्तर पर लेटे हुए मरीज को पता नहीं क्या क्या ट्रीटमेंट दे रहे थे। पर उस शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी...