ब्लॉगसेतु

Bhavana Lalwani
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कभी कभी ऐसा होता है कि कोई किताब, कोई कहानी या कोई किस्सा हमारी अपनी ज़िन्दगी के किसी बीते हुए हिस्से को फिर से दोहरा जाता है और तब लगता है कि "अरे ये तो मैं ही हूँ या मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल हुआ करता था." सर्दियों की  सुबह की  गुनगुनी धूप  ज...
Bhavana Lalwani
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Sensible  तो बहुत लिखा है मैंने, आज सोचा कि कुछ Nonsense भी लिखा जाए. कुछ Idiotic , Stupido , Silly, Absurd, Foolish, Imbecile,  किस्म का लिखा जाए.  अब इसकी वजह ना पूछिए, क्योंकि जवाब इसका सीधा सा ये है कि हम  बोर हो गए हैं, जी हाँ सही पढ़ा आपने...
Bhavana Lalwani
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साल का सबसे बड़ा त्यौहार दीवाली,  पूरे पांच दिन का  त्यौहार, धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चलने वाला "The Great Indian Festival that can beat A Circus Show as well."  अब आप पूछिए कि इसमें सर्कस बीच में कैसे आ गया और मेरी इतनी मजाल कि मैं दीवाली जैसे महत्...
Bhavana Lalwani
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वो मर गई .. पर हम औरतों को  बता गई कि  लड़की होना सचमुच  गुनाह है .. वो मर गई पर हमें सिखा  और समझा गई कि  बेटियाँ क्यों पैदा ना होने पाएं ..वो मर गई पर हमें आईने में अपनी सूरत दिखा गई कि  हमारी आँखों का पानी म...
Bhavana Lalwani
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टुकडो में चलती सरकती ज़िन्दगी..तुम्हारी दी हुई रोटी से  मेरी भूख नहीं मिटती.. तुम्हारे दिए पानी से मेरे गले की प्यास और भी बढ़ जाती है. तुम्हारे दिए हुए टुकड़े मेरे पसरे हुए आँचल का मज़ाक बनाते हैं और मैं कुछ नहीं कर पाती..तुम्हारे चलाये हुए रास...
Bhavana Lalwani
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Whenever I Read.. Watch... Listen... About the Hatred and the Cruelest Forms of Violence Against Humanity, Against Innocent People...the Unbearable Sufferings, The Torture, The Anguish and The Torment .. They Had Gone Through or Still Going Through....That time tho...
 पोस्ट लेवल : Essays हिंदी निबंध Hindi Essays
Bhavana Lalwani
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भूख सबको लगती है, इंसान हो या जानवर, कोई इस प्राकृतिक आवशयकता से परे नहीं है  ..ऐसा इस नश्वर संसार में कोई  नहीं हो सकता जो कहे कि मुझे भूख नहीं लगती...और फिर हमारे देश में तो पितरों को भी साल में एक भोजन करवाया जाता है (हाँ उनके नाम पर पंडित और ब्राह्मण...
Bhavana Lalwani
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वो जो तेरे साथ गुज़रा, वो वक़्त, वो लम्हा अब भी मेरी साँसों में जिंदा है...अब उसकी ही  खुमारी में आने वाला वक़्त भी गुज़र ही जाएगा.. वो जो गुज़र गया, वो बेशकीमती था पर उसे संभाल के  कहीं रख सकें ऐसा कोई कोना नहीं मिला..कुछ गुज़रा वक़्त, कुछ उसकी याद,...
 पोस्ट लेवल : हिंदी निबंध Esaays Hindi Essays
Bhavana Lalwani
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जब खुदा अपना दरवाजा बंद कर लेता है तब...दुनिया अपना दरवाजा खोल देती है...अपनी बाँहें फैला देती है ..समेट लेती  है अपने आँचल में, अपनी गोद में, इस तरह कि अपना ही होश नहीं रहता, ऐसे कि उसके प्यार का नशा जागते हुए  भी सोते रहने को मजबूर कर देता है, ख्वाब दिख...
Bhavana Lalwani
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तुम और मैं दो अलग जिंदगियां हैं. हम दोनों दो अलग दुनिया हैं. हम दोनों समय के दो अलग -अलग आयाम, दो अलग टुकड़े हैं. हम कभी नहीं मिलेंगे, हम कभी नहीं जुड़ेंगे या जुड़ पायेंगे एक--दूसरे से. हम में इतना ज्यादा फर्क है कि मिलना नामुमकिन है. हमारी दुनिया, हमारे सपने, ह...