आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। मतलब अबतक की चली आ रही परंपरा के अनुसार एक इवेंट। सालगिरह टाइप का! यदि इसे इवेंटनुमा तरीक़े से देखा जाए तो बधाई तो बनती ही है। मतलब कुछ 'हार्दिक बधाई' या 'हार्दिक शुभकामना' जैसे परंपरागत परन्तु पॉप्युलर (शायद थोड़े प्रोग्रेसिव भी)...
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According to Gatyatmak Jyotish Astrology quotes in Hindiविडंबना ही है कि जो निरीक्षण, परीक्षण के बाद मिले तथ्य को जांचकर किसी बात को विज्ञान मानते है, वही बिना निरीक्षण, परीक्षण और तथ्य को जांचे बिना ज्योतिष को अंधविश्वास कहते हैं!किसी ने कहा कि...

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Our Solar System : Planets name in Hindi and English हम सभी जानते है कि आसमान में हमारे सबसे निकट का तारा सूर्य है और पृथ्वी सहित सभी ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं। सूर्य समेत सभी ग्रहों और उनके उपग्रहों का क्षेत्र सौरमंडल कहलाता है , इसलिए सभी...

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कहानियां किसके बारे में कही जाती हैं ? कहानियों से क्या आशा की जाती है कि उन्हें हमेश हैप्पी एंडिंग या कोई स्टीरियो टाइप एंडिंग होनी चाहिए ? अनगिनत फिल्में और उपन्यास जो अब तक रचे जा चुके, उनमे हर उस संभावना पर एक विस्तृत कथा है जिसके होने की कहीं एक ज़रा...

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"धीरे-धीरे मै दूर हो रहा हूँ"धीरे-धीरे मै सबसे।दूर होता जा रहा हूँ।। पता नहीं मैं क्यों इतना। मजबूर होता जा रहा हूँ।। खुशियाँ दूर जाती दिख रही हैं। और दुःख बाहों में जकड़ रही हैं।। पढ़ाई में मन लगाने के बजाए। सोशलमीडिया की ओर खिचा जा रहा...

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"जीना सीख" जब मै गिरा तो। उठाने कौन आएगा।। जब चोट लगेगी। तब दिखलाने कौन जायेगा।। मै बैठा सोच रहा था। अपने दिमाग के दरवाजे ठोक रहा था।। अपने है तो,मै ये सोच रहा था। अपने सर के बालों को नोच रहा था।।कि जिसका कोई नहीं है। जिसका घर ही नहीं है।।...

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"मै अनजान हूँ"मै बहुत अनजान हूँ। अपने इस दुनियाँ से।। न समझ है मुझमें। न समझ है कदर की।। खुद से ही मैं परे हूँ। अपनी इस दुनियाँ में।। मोहलत और दुःख दोनों। खुशियों की बात करते है।। इस अनजान दुनियाँ में। जहाँ इंसानों की कदर नहीं।। वहाँ दुनियाँ का...

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चमचों, ये अम्बानी-अडानी 2014 के बाद अमीर नहीं हुए है, ये तब से अमीर है, जब से तुम्हारी इटालियन अम्मी जान अपने पुराने धंधे में व्यस्त थी। खुशहाली से झूम उठेगा भारत का कोना कोना... जिस दिन बन्द हो जायेगा चमचों का पैदा होना !! चमचों पर चुटकुला #राजनीति में आने क...

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प्रतीक चित्र।अतुल कन्नौजवीशुरू होती है जब दहलीज सावन के महीने कीवो इक आदत सी पड़ जाती है उन आंखों से पीने कीमुहब्बत तोड़कर दिल जब हमें कमजोर करती हैखुदा हमको नई ताकत भी दे देता है जीने की।।ये किस दहलीज और दीवार पे सर मारता हूं मैंक्यों अपने आप को गम में डुबोकर मारता...

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"मोती सी चमक" मोती सी चमक। घासों में नजर आता है।। वह मनोरम खुशबू। सिर्फ फूलों से महक आते है।। चाँद की रोशनी में भी। सितारे नजर आते है।। वह ओश की बूंद। दरवाजे पर दस्तक दे जाते है।। मै रोज टहलता हूँ सुबह। कोहरा ही कोहरा नजर आता है।। इस ठंडे हवा के झोकों से।&nbs...