ब्लॉगसेतु

Bhavana Lalwani
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 भारतीय सड़कें कितना बड़ा दिल रखती हैं।  कभी लगता है कि सड़कें हैं या कोई इमामबाड़ा .... फल सब्ज़ी के ठेले, चाट वाले, घास बेचने वाले, फ़ास्ट फ़ूड वाले और भी पता नहीं, क्या क्या बेचने वाले के ठेले या स्ट्रीट काउंटर सड़क किनारे जगह बनाये एक परफेक्ट फ्रेम की तरह सुश...
Bhavana Lalwani
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"An Exotic Woman, A Delusional Woman, asking for Attention."  This is how I would like to start  my Blabber.कुछ दो या तीन बरस हुए मुझे मेरे जन्मदिन पर एक नोटबुक तोहफे में मिली, जिसका कवर देखते ही मेरा मन उस पर अटक गया।  और साहब यह लीजिये उस कवर पर जो...
Bhavana Lalwani
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 कहानियां किसके बारे में कही जाती हैं ? कहानियों से क्या आशा की जाती है कि उन्हें हमेश हैप्पी एंडिंग या कोई स्टीरियो टाइप एंडिंग होनी चाहिए ? अनगिनत फिल्में और उपन्यास जो अब तक रचे जा चुके, उनमे हर उस संभावना पर एक विस्तृत कथा है जिसके होने की कहीं एक ज़रा...
 पोस्ट लेवल : हिंदी निबंध Hindi Essays Essays
Bhavana Lalwani
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 लहसुन  के ढेर के बीच मैं एक काजू हूँ।  दिखता  भी हूँ  मगर पहचान में नहीं आता।  जानता हूँ कि  लहसुन गुणों की खान है, आम  आदमी का  खास सहारा है।  दवा है, स्वाद है , नुस्खा है, रौनक है सब है।  लेकिन मैं भी अ...
 पोस्ट लेवल : kaju Hindi Essays lahsun
Bhavana Lalwani
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फिल्में देखने का शौक फिर से जागा है और इसलिए रोज की एक फिल्म  देखने पर कमर बाँध रखी है।  और उसमे भी  sci  fi  और fantasy  वाली फिल्में मुझे ज्यादा पसंद हैं।  तो इसी जोश के चलते इंटरस्टेलर,  एड अस्त्रा और क्रिस्टोफर रोबिन समेत...
Bhavana Lalwani
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आज मैंने बरसो बाद रात के आसमान में, काले सलेटी बादलों के  मेले में छिपते छिपाते चाँद को देखा।  एक सफ़ेद मोती, चांदनी का थाल, आसमान की चादर पर टंका रेशम का टुकड़ा। ये चाँद फूली हुई रोटी कैसे लग सकता है ??? रोटी तो हलके भूरे गेहुएँ रंगत वाली और छोटी छोटी काली...
 पोस्ट लेवल : Hindi Essays night moon
Bhavana Lalwani
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इस दुनिया का हर आदमी एक कहानी है।  उसका बोलना, चलना, रहना,  व्यव्हार, जीवन सब कुछ एक लम्बी ऊबा देने वाली कहानी है जिसके प्लाट और थीम को हर समय प्रेडिक्ट करने की कोशिश की जाती है।  दुनिया का ये सारा कारोबार, ये जगमग, ये  कोलाहल इन ढेर सारी कहानिय...
 पोस्ट लेवल : human life Hindi Essays random thoughts Life
Bhavana Lalwani
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दिन गुज़रते हैं फिर भी वक़्त थमा  हुआ सा है.ये एक अजीब मौसम है, इसमें दिन और रात का हिसाब आपस में गड्डमड्ड सा हो गया है. यहां उत्तरी ध्रुव की लम्बी रौशनियों वाली रातें भी हैं और  महासागर  के अथाह विस्तार जैसे  अनंत तक पसरे हुए दिन भ...
Bhavana Lalwani
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तो इस बार का indispire टॉपिक है, आपकी पसंद की टॉप टेन किताबें बताइये। अब पढ़ा तो बहुत है, स्कूल  कॉलेज और फिर नौकरी करते हुए पब्लिक लाइब्रेरी तक …  जो हाथ लगा वो सब पढ़ डाला। पर ऐसा टॉप टेन  जैसा कभी कुछ  सोचा नहीं। तो चलिए आज सोचते हैं,...
Bhavana Lalwani
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नरम हरी घास पर रखा हुआ हर कदम, एक ठंडी लहर उसके शरीर के अंदर भेज रहा था.  ऐसा लगता था कि  ओस  की नमी उसके पैरों से होते हुए थके हुए शरीर के हर हिस्से तक पहुँच रही थी, तेज़ धूप से जले हुए मन प्राण  को फिर से ऊर्जा मिल रही थी."ये सुब...