ब्लॉगसेतु

Bhavana Lalwani
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कहानी के किरदार मर जाते हैं पर कहानी जिंदा  रहती है.. कहानी में कोई नाम, कोई किरदार जिसका रंग, रूप, आकार हम अपनी पसंद , अपनी कल्पना से गढ़ लेते हैं, जिनका  जीना, मरना, सोचना, समझना हमको अपना सा, अपने करीब सा लगने लगता है. कहानी में  किरदार मरते&nb...
Bhavana Lalwani
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मैं ज़िन्दगी का  एक अधूरा ख्वाब हूँ जिसे उसने अपने सफ़र के सबसे सुहाने और बेपरवाह दौर में देखा... मैं उसकी रात के आखिरी पहर की गहरी बेफिक्र मीठी  नींद का हिस्सा हूँ, उसकी सुबह की प्रभात बेला की अलसाई, अधमुंदी - अधखुली आँखों की धुंधली सी चमक ... वो ख्वा...
Bhavana Lalwani
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मेरा सपना भी तुम और सच भी तुम..खुली आँखों के चमकते जुगनू  भी तुम और बंद आँखों की पलकों का सुकून भी तुम ...जागती  हुई  आँखों  के आगे का नज़ारा भी तुम और बंद आँखों का भ्रम भी तुम.   क्या सच , क्या सपना ..सब कुछ सिमट कर एक ही रंग,  एक ही...