राँची से सटा झारखंड का एक जिला है खूँटी। लोकसभा में उप सभापति रह चुके कड़िया मुंडा इस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे। कड़िया मुंडा की विरासत तो आज केंद्र में आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा सँभाल रहे हैं पर इन बड़े कद के नेताओं से ज्यादा खूँटी का जिक्र...
पोस्ट लेवल : "Travelogue"
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आइए चलें पक्षियों की दुनिया में अंबाझरी जैवविविधता उद्यान, नागपुर Ambazari Biodiversity Park, Nagpur
नागपुर यूँ तो अपने चारों ओर तरह तरह के अभ्यारण्यों को समेटे है बस शहर के बीचो बीच भी एक इलाका है जो जानवरों के लिए तो नहीं पर प्रकृति प्रेमियों और स्वास्थ के प्रति सजग रहने वालों में खासा लोकप्रिय है। इस इलाके का नाम है अंबाझरी जैवविविधता उद्यान जो करीब साढ़े सात सौ...

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सिगिरिया श्रीलंका: रावण का वास वहां नहीं तो फिर कहाँ है?— अंकिता जैनकौन जाने कि इतिहासकारों के लिखे जिस वर्तमान इतिहास को हम पढ़ रहे हैं उससे पहले भी कोई इतिहासकार इस महल के असल राजा का इतिहास गढ़ गया हो जो अब हमारे लिए कहीं उपलब्ध नहीं. पर क्या लिखे गए कुछ पन्नों के...
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जाड़ों की भली धूप का आनंद पिछले दो हफ्तों से उठा रहे थे कि अचानक उत्तर भारत की बर्फबारी के बाद खिसकते खिसकते बादलों का झुंड यहाँ आ ही गया। धूप तो गई ही, ठंड के साथ ही बारिश की झड़ी भी ले आई। मुझे याद आया कि ऐसे ही मौसम में मैंने कभी जर्मनी के म्यूनिख से आस्ट्रिया के...
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पिछली दीपावली नागपुर में बीती। दीपावली के बाद हाथ में दो दिन थे तो लगा क्यूँ ना आस पास के राष्ट्रीय उद्यानों में से किसी एक की सैर कर ली जाए। ताडोबा और पेंच ऍसे दो राष्ट्रीय उद्यान हैं जो नागपुर से दो से तीन घंटे की दूरी पर हैं। अगर नागपुर से दक्षिण की ओर निकलिए तो...
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राँची से अयोध्या पहाड़ तक की यात्रा तो आपने की थी मेरे साथ पिछले हफ्ते और ये भी जाना था कि किस तरह हम ऐसे ठिकाने में फँस गए थे जहाँ आती जाती बिजली के बीच जेनेरेटर की व्यवस्था भी नहीं थी। समझ में मुझे ये नहीं आ रहा था कि जहाँ दो दो बाँध का निर्माण बिजली उत्पादन के लि...
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अयोध्या नाम लेने से हम सबके मन में सीधे सीधे राम जन्म भूमि का ख्याल आता है। सच ये है कि राम तो पूरे भारतीय जनमानस के हृदय में बसे हैं। उनकी भक्ति का प्रभाव भारत ही नहीं आस पास के पड़ोसी देशों तक जा पहुँचा। यही वज़ह है कि थाइलैंड में राम की याद में राजधानी बैंकाक से...
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इटली की वो शाम मुझे कभी नहीं भूलती। हमारी बस रोम से निकलने के बाद केन्द्रीय इटली के किसी रिसार्ट की ओर जा रही थी। गर्मी के मौसम में यूरोप में अँधेरा नौ बजे से पहले नहीं होता और ऐसी उम्मीद थी कि बस हमें उससे पहले वहाँ पहुँचा देगी। पहले राजमार्ग और फिर कस्बों की ओर न...
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वैटिकन सिटी का शुमार विश्व के सबसे छोटे देश में होता है। अगर आप पूछें कि इस छोटे का मतलब कितना छोटा तो समझ लीजिए कि उतना ही जितना की छः सौ मीटर लम्बा और सात सौ मीटर चौड़ा कोई इलाका हो। मतलब ये कि आप मजे से तफरीह करते हुए घंटे भर में इस देश की चोहद्दी नाप लेंगे।...
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इटली से जुड़े इस यात्रा वृतांत में आपने मेरे साथ सबसे पहले देखा फेरारी कारों का संग्रहालय और फिर पीसा की मीनार। पिछली कड़ी में आपको रोम के अनजाने स्वरूपों की कुछ झलकियाँ दिखाई थीं पर आज बारी है रोम शहर के गौरवशाली अतीत की कुछ खिड़कियों को खोलने की। तो तैयार हैं ना आप...