कृष्णा सोबती जी के प्रिय उपन्यास 'मित्रो मरजानी' का यह अंश यह कहते हुए कि वह पितृसत्ता भी ख़तरनाक हो सकती है जिसके केंन्द्र में मातृ-शक्ति हो'... शब्दांकन संपादकमित्रो मरजानी कृष्णा सोबतीउपन्यास अंशनई उठ घड़ी-भर को बाहर गई। लौटकर सास से कहा — अन्दर मँझली क...
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आचार्य चतुरसेन अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "वयं रक्षाम:" में कई ऐसे विषयों पर बात करते हैं जिन्हें पढ़ा जाना चाहिए. ऐसा ही एक विषय 'लिंग पूजा' का है जिसमें वह विषय की विश्व की अनेक सभ्यताओं/धर्मों/कलाओं आदि में मौजूद होने की व्यापक पड़ताल करते हैं. चूंकि शिव-रूद्र-लिंग-सर्प...

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हिंदी, प्रेम उपन्यास — बेदावा: एक प्रेम कथा — तरुण भटनागर उपन्यास अंश (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); ‘ अच्छा छोड़ो...कुछ और बताओ...कहाँ रहे इतने दिनों... क्या किया...?’तरुण भटनागर‘ नहीं बता सकता...।’‘ क्यों...?’‘ आज तुम्हें सुनना है...।...

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'आईना साज़' — अनामिका — उपन्यास अंशज़रूरी है कि दुनिया की सारी ज़ुबानों के शब्द मुल्कों और मज़हबों के बीच की सरहदें मिटाते हुए सूफ़ी जत्थों की तरह आपस में दुआ-सलाम करते दिखाई दें। आसमान में सात चाँद एक साथ ही मुस्कुराएँ।अनामिका दीदी, जिस-जिस क्षेत्र में हैं इंसान क...

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उपन्यास अंश: इश्क़ फरामोश ― प्रितपाल कौर प्रितपाल हिंदी में लिखती रहती हैं। इश्क़ फरामोश उनके जल्द बुकस्टाल पर आ रहे उपन्यास का शीर्षक है। बेहिचक कह देने वाली लेखिका के चौथे उपन्यास (एक अंग्रेजी) का यह अंश उपन्यास को पूरा पढ़ने की जिज्ञासा पैदा कर सकता...

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उपन्यास कैसे लिखें? ऐसे — पढ़िए: उमा शंकर चौधरी के उपन्यास 'अंधेरा कोना' के अंश ... पता नहीं, लेकिन हो सकता है कि आपने भी कभी मेरी तरह यह सोचा हो कि कोई कथाकार आपका प्रिय लेखक क्यों हो जाता है। उमा शंकर को जितनी दफ़ा पढ़ता हूँ बस यही लगता रहता है उससे अधिक सच किसी और...

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द्रौपदी राजेश्वर वशिष्ठ के यहाँ अपनी आपबीती ख़ुद कहती हैं. द्रौपदी के कहे सच पर लिखे जा रहे उपन्यास 'याज्ञसेनी' का एक अंश प्रकाशित किया जा रहा है. आगे आपकी प्रतिक्रियाएं तय करेंगी कि इसके और अंश पढ़ना चाहेंगे या उपन्यास के प्रकाशित होने का इंतज़ार... राजेश्वर जी को आप...

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राजनीतिक संन्यास काट रहे नरेन्द्र मोदी को फ़ोन पर मुख्यमंत्री बनाने का आदेश देते वाजपेयी, और फिर गुजरात में दंगों के बाद उन्हीं मोदी को राजधर्म की सलाह देने वाले, व्यथित हृदय से इस्तीफा लिखते प्रधानमंत्री वाजपेयी—ये भी एक ही शख़्सियत के दो संजीदा हिस्से थे । इसी वा...

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छत्तीसगढ़ी गद्य लेखन में तेजी के साथ ही छत्तीसगढ़ी में अब लगातार उपन्यास लिखे जा रहे हैं। ज्ञात छत्तीसगढ़ी उपन्यासों की संख्या अब तीस को छू चुकी है। राज्य भाषा का दर्जा मिलने के बाद से छत्तीसगढ़ी साहित्य की खोज परख में भी तेजी आई है। इसी क्रम में कोरबा के...

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छत्तीसगढ़ी गद्य लेखन में तेजी के साथ ही छत्तीसगढ़ी में अब लगातार उपन्यास लिखे जा रहे हैं। ज्ञात छत्तीसगढ़ी उपन्यासों की संख्या अब तीस को छू चुकी है। राज्य भाषा का दर्जा मिलने के बाद से छत्तीसगढ़ी साहित्य की खोज परख में भी तेजी आई है। इसी क्रम में कोरबा के...