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Devendra Gehlod
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 पोस्ट लेवल : ameer-qazalbash ghazal new-year amir-qazalbash
Devendra Gehlod
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ख़ुद अपने साथ सफ़र में रहे तो अच्छा है,वो बे-ख़बर है ख़बर में रहे तो अच्छा है ।।क़दम क़दम यूँही रखना दिलों में अंदेशा,चराग़ राहगुज़र में रहे तो अच्छा है ।।कभी कभी मिरे दामन के काम आएगी,ये धूप दीदा-ए-तर में रहे तो अच्छा है ।।मैं दिल का हाल न आने दूँ अपनी पलकों तक,ये...
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Devendra Gehlod
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कुछ तो अपनी निशानिया रख जाइन किताबो में तितलिया रख जालोग थक हार कर लौट न जायेरास्ते में कहानिया रख जामुन्तजिर कोई तो मिले तुझको घर के बाहर उदासिया रख जाइन दरख्तों से फल नहीं गिरतेइनके नजदीक आंधिया रख जाहो रहा है अगर जुदा मुझसेमेरी आँखों पे उंगलियां रख जाआज तूफ़ान भी...
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