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पोस्ट लेवल : "faiz-ahmad-faiz"

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ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या हैहर तरफ़ ख़ल्क़ ने क्यूँ शोर मचा रक्खा हैरौशनी दिन की वही, तारों भरी रात वहीआज हम को नज़र आती है हर इक बात वहीआसमाँ बदला है, अफ़सोस, ना बदली है ज़मींएक हिंदसे का बदलना कोई जिद्दत तो नहींअगले बरसों की तरह होंगे क़रीने तेरेकिस को मालूम न...

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मखदूम की याद में पहली कड़ी याद का फिर कोई दरवाज़ा खुला आख़िरे-शबदिल में बिख़री कोई ख़ुशबू-ए-क़बा आख़िरे-शबसुब्ह फूटी तो वो पहलू से उठा आख़िरे-शबवो जो इक उम्र से आया न गया आख़िरे-शबचाँद से माँद सितारों ने कहा आख़िरे-शबकौन करता है वफ़ा अहदे-वफ़ा आख़िर...

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हम देखेंगे यह नज्म फैज़ अहमद फैज़ की अन्य नज्मो में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती है और यह नज्म पाकिस्तान में इक़बाल बानो ने अपने पुरे शबाब पर गाई गयी है लीजिए पेश है:हम देखेंगेलाजिम है के हम भी देखेंगेवो दिन के जिसका वादा हैजो लौह-ए-अजल में लिक्खा हैहम देखेंगे…जब जुल्म-...

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Painting by Shubnum Gillफैज़ अहमद फैज़ के बार में क्या बताया जाये और क्या ना बताया जाए यह तय कर पाना काफी मुश्किल है | फिर भी यह शुरुवात की जाए |13 फ़रवरी, 1911 को गाव काला कादर, सियालकोट (पंजाब, अब पाकिस्तान में) में जन्मे फैज़ को अदबी रुझान विरासत में ही मिला | आपके...

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आप लोगो ने गमन फिल्म तो देखी ही होगी जो कि सन १९७८ में आई थी | इसका एक गीत सीने में जलन जो की शहरयार साहब का लिखा हुआ है भी काफी मशहूर हुआ था और एक अन्य गीत “आपकी याद आती रही रात भर ” मखदूम मोइउद्दीन का लिखा हुआ है वैसे यह गीत सुनकर फैज़ अहमद फैज़ साहब की ग़ज़ल “आपकी य...

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फैज़ अहमद फैज़ का यह वर्ष (2011) जन्म शताब्दी वर्ष है आपको जल्द ही फैज़ पर और उनके जीवन पर आधारित लेख पढ़ने को मिलेंगे फिलहाल फैज़ साहब कि यह नज्म पेश है:मुझ से पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न मांगमैने समझा था कि तू है तो दरख़्शां है हयाततेरा ग़म है तो गम-ए-दहर का झगड़ा क्या...

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कब याद मे तेरा साथ नहीं, कब हाथ में तेरा हाथ नहींसाद शुक्र की अपनी रातो में अब हिज्र की कोई रात नहींमुश्किल है अगर हालत वह, दिल बेच आए, जा दे आएदिल वालो कुंचा-ए-जाना में, क्या ऐसे भी हालात नहींजिस धज से कोई मकतल में गया, वो शान सलामत रहती हैये जान तो आणि-जनि है, इस...