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Devendra Gehlod
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हिम्मते-इल्तिजा नहीं बाकी जब्त का हौसला नहीं बाकीइक तेरी दीद छीन गई मुझसेवरना दुनिया में क्या नहीं बाकीअपनी मश्के-सितम से हाथ न खेचमै नहीं या वफ़ा नहीं बाकीतेरी चश्मे-अलम-नवाज की खैरदिल में कोई गिला नहीं बाकीहो चुका ख़त्म अहदे-हिज्रो-विसालजिन्दगी में मजा नहीं बाकी&n...
 पोस्ट लेवल : faiz-ahmad-faiz
Devendra Gehlod
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फिर हरीफ-ए-बहार हो बैठेजाने किस किस को आज रो बैठेथी मगर इतनी रायगा भी न थीआज कुछ जिन्दगी से खो बैठेतेरे दर तक पहुच के लौट आएइश्क की आबरू डुबो बैठेसारी दुनिया से दूर हो जाएजो ज़रा तेरे पास हो बैठेन गई तेरी बेरुखी न गयीहम तेरी आरजू भी खो बैठे'फैज़' होता रहे जो होना है...
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