रवींद्र कालिया की कहानियों से मैं चमत्कृत था; उनकी भाषा, उनका यथार्थ के प्रति सुलूक, उनकी मध्यवर्गीय भावुकताविहीनता, उनका खिलंदड़ा अंदाज, इन सब तत्वों ने मुझ पर असर डाला था । दूसरी बात यह कि जब कोई नया लेखक किसी बड़े साहित्यकार के निकट होता है तो वह उसकी श्रेष्ठता...
पोस्ट लेवल : "featured"

0
अधिकतर ऐसा ही हुआ : कोई कालिया जी मिला और उनका होकर ही रुखसत हुआ । उनका अत्यंत महत्वपूर्ण लेखक होना, आकर्षक अनोखा व्यक्तित्व, उनका वातावरण में देर तक गूंजते रहने वाला ठहाका, बढ़िया आवाज और कथन में अप्रत्याशितता, चुस्ती, यारबाशी, चुटीलेपन का सम्मिश्रण - ये सब तत्व म...

0
बाकी बहुत ज़्यादा बातें तो मैं जानती नहीं,पर जो समझ पाती हूं वो और हैऔर जो समझाई जाती हूं वो और है...अंडा-करी और आस्थादामिनी यादव की कविताआज वर्जित वार है,मैंने दिन में अंडा-करी खाई थीऔर शाम को दिल चाहा,इसलिए अपने घर के मंदिर में,बिना दोबारा नहाए ही जोत भी जलाई थी,...

0
#पत्र_शब्दांकन: मृदुला गर्ग नया ज्ञानोदय, सितम्बर २०१९ कथा-कहानी विशेषांक आदि परकहते हैं फंतासी को चारों पैरों पर खड़ा होना चाहिए वरना न फंतासी रहती है, न सच...कहानी 'नरम घास, चिड़िया और नींद में मछलियां') मैने 'नया ज्ञानोदय' में ही पढ़ ली थी। बहुत ही शानदा...

0
‘आइटी सेल’ मानसिकता का विषाणु उदारवाद, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय की पक्षधरता का दावा करनेवाले के मस्तिष्क को भी संक्रमित कर रहा है — प्रकाश के रेसम्पादकीयरवीश कुमार के सम्मान से चिढ़ क्यों!— प्रकाश के रेपिछले महीने जब रवीश कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में उत...

0
Prakash Javadekar | Photo: Bharat S TiwariPrakash Javadekar to inaugurate 3RD ROUNDTABLE CONSULTATION ON AIR QUALITY by Dr Shashi Tharoor, AirQualityAsia & TERI #Air2BreatheShashi Tharoor | Photo: Bharat S TiwariThe 3rd Roundtable Consultation on air quality —...

0
धामा अपने गुस्से को छिपाकर अचानक संयत हो गया. उसने कपट की अधिकता से हल्की हो गई आवाज में कहा, "देख रहे हैं सर...आप भी देखते जाइए. याद करिएगा...राजेंद्र यादव हंस कथा सम्मान 2019 : अनिल यादव की कहानी "गौसेवक " इस कहानी को २०१९ का हंस कथा सम्मान दिए जाते समय जो ब...

0
हम नहीं चंगे बुरा न कोय“पल्प फिक्शन”, 2004 के इकॉनोमिक टाइम्स में यह आर्टिकल छपा था, शायद वह पहली दफा था जब मैंने अपने लड़कपन के प्रिय जासूसी उपन्यासकारों वेद प्रकाश शर्मा और सुरेन्द्र मोहन पाठक के विषय में अखबार में पढ़ा था, साथ में राजहंस, गुलशन नंदा, नरेंद्र कोहली...

0
हिंदी में हिंदी पर हिंदी के साथ हिंदी वालों में हो रही उठापटक, स्वामित्व और वर्चस्व की लड़ाई के बीच कहानीकार जयश्री रॉय की कहानी 'स्वप्नदंश' ने मुझे घेर लिया. कहानी शुरू करते हुए मैं उसके नाम का अर्थ सोच रहा था, स्वप्न और दंश यानि स्वप्न में होने वाला दंश, जी कि है...

0
भगोड़े स्वर्ग में छिपे हुए हैंऔर हम उन्हें नर्क में खोजरहे हैं...स्वप्निल श्रीवास्तव, कविता में आज...कविताओं में भाषा के रोल से अधिक शब्दों का रोल होता है. आपने वह क़व्वाली सुनी होगी: "नज़र ऊँची की तो दुआ बन गई नज़र नीची की तो हया बन गई ...