प्रथम और अंतिम और अन्य सोनाली मिश्रा की कवितायें (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); प्रथम और अंतिम अपने मिलन के प्रथम बिंदु परउसके माथे पर तुमने धर कर अपने होंठ, खोल दिया पिटारा...
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अभी तक आप सबके सामने जौनपुर सिटी के प्लेटफार्म से जौनपुर कि बहुत सी प्रतिभाओं को पेश किया जिसको जौनपुर निवासीयों ने बहुत पसंद किया.आज इन प्रतिभाओं का नाम पूरे विश्व के सामने है.| आज मिलवाता हूँ जौनपुर कि एक प्रतिभाशाली महिला श्रद्धा जी से. मिलिए दिल्ली मैं रह...

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हिन्दी रेखाचित्र : रोहिणी अग्रवाल — दादी की खटोली में आसमान का चंदोवा हिन्दी रेखाचित्र : रोहिणी अग्रवाल — दादी की खटोली में आसमान का चंदोवा लेकिन मां के लिए एक कोना भी नहीं। मां की निजी जरूरतों के लिए! एकांत पाकर अपने चित्त को सुस्थिर करने के लिए! बर्तनो...

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...कभी-कभी होश में रहना कितना कठिन लगता है! जी चाहता है हमेशा के लिए नहीं तो कुछ देर के लिए मर जाय! मोर्ग के ठंडे ड्राअर में कोई रख दे कफन में लपेट कर। भट्टी-से सुलगते माथे को जरा ठंडक मिले, सांस ना लेनी पड़े कुछ दिन... डिप्रेशन, इस शब्द से इतना भय है कि इसे ब...

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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); हिंदी में पीएचडी यशस्विनी पांडेय, बुद्ध के महापरिनिर्वाण भूमि कुशीनगर की जन्मी हैं. आजकल वडोदरा में रहती हैं. कविता, आलोचना, यात्रा-वृतांत के ज़रिये...

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स्थानीय जानकारों के मुताबिक केंद्र में पूर्ण बहुमत की भाजपा सरकार और राज्य में लंबे समय से भाजपा सरकार होने के कारण अब इस संगठन को राम मंदिर, धारा 370 और समान नागरिक संहिता का मसला छोड़ देने को कहा गया है।(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); (adsbygoo...

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भारत में पोस्टर कला को एक दोयम दर्जे की कला माना जाता है जबकि इसके उलट पूरी दुनिया में इसे ललित कलाओं के समान सम्मान दिया जाता है— नलिन चौहानहिंदी समाज की दशा-दिशा बताते पोस्टर(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); (adsbygoogle = window.adsbygoogle...

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प्रेमा झा: कवितायेँ और कहानियाँ देश की प्रतीष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। चर्चित रचनाओं में लव जेहाद, ककनूस, बंद दरवाज़ा, हवा महल और एक थी सारा विशेष तौर पर पाठकों द्वारा पसंद की गई। हंस में छपी कहानी “मिस लैला झूठ में क्यों जीती हैं?” खासा चर्चा में...

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Vishnu Khare article for actor Irrfan Khanजाने-माने लेखक और दिग्गज कवि विष्णु खरे का बुधवार को निधन हो गया। वह सहायक संपादक और संपादक के रूप में नवभारत टाइम्स से काफी लंबे अरसे तक जुड़े रहे। यहां पेश है उनका एक लेख:(23, सितम्बर, सन्डे नवभारत टाइम्स, संपादक राजेश मि...

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कहानी की कोमलता को लेखक भूल तो जाता है लेकिन वह यह नहीं जानता कि यह कोमल-तत्व घर की दाल के ऊपर तैरते जीरे की माफ़िक होता है...जो बाहर की दाल में नहीं दिखता, और जो बनावटी (या गार्निश का हिस्सा) कतई हो भी नहीं सकता. इंदिरा दांगी ने कहानी के कोमलपन को इतनी जतन से सम्हा...