ब्लॉगसेतु

अपर्णा त्रिपाठी
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कह दो जो मन में तेरे, नदियों को बह जाने दो मत रोक उसे जो जाता है, जो आता है आने दो दो चार दिनों का मेला है, रुकना है निकलना है तोडो रस्मों की जंजीरे, उजले कल को आने दो छोटी छोटी सी बातों में, उलझों ना दुनियादारी में कदम बढा जग जीतो, जो खोया खो जाने दोखुशी और गम दोन...
 पोस्ट लेवल : #life #hope
अपर्णा त्रिपाठी
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बेटा, एक बात कहनी थी, जरा इधर तो आओ- मिस्टर माथुर की आवाज में लडखडाहट थी। पापा आपको भी हमेशा मेरे ऑफिस जाते समय ही सारी बातें याद आती हैं, शाम को आता हूँ, तब सुन लूंगा आपकी बातें। विनीता जल्दी करो यार, तुमको पापा के घर छोडता हुआ ऑफिस -चला जाऊंगा। पीछे वाले कमरे से...
 पोस्ट लेवल : #old parents #hope
आदित्य सिन्हा
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H for HopeAditya Sinha
अपर्णा त्रिपाठी
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हर रोज की तरह आज भी शाम ढलते हीरात आयी धीरे धीरेअपनी मुट्ठी बन्द कियेबडी बेसब्री से मिली उससेकुछ न सूझाबस गले लगा लिया फिर धीरे से पास जाकर कान में पूछा क्या लाई होआज मेरे लिए नींद या ख्वाब .........रात चुप रही कुछ भी न बोलीउसकी च...
 पोस्ट लेवल : India hope night
Shivani Maurya
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image-credit~Googleमुझे लगते ख़्वाबों के ये अफ़साने है प्यारे बड़ेअसल में तो दुखते है हकीक़त के छाले बड़ेकिसे कहूँ यार अपना,नहीं कोई अब दिलदार अपनादिल को मेरे खलते हैं अपनों के ये दिखावे बड़ेलम्हा है ख़ुशी का जी भर के मुस्कुराने दो इन्हेंमेरी आँखों ने सैलाब ग़मों के है बाअ...
 पोस्ट लेवल : poem motivation sel-love self-improvement hindi life hope poetry dreams
Mahesh Barmate
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एक अंतहीन सी डोर हैक्या अदृश्य कोई छोर है..?थामे हुए है मुझे और तुम्हेंमिलन की आस हैकैसी ये होड़ है..?दूर हो के भी पास हैंहमें एक दूजे का एहसास हैंहरदम मिलन की आस हैकैसी ये प्यास है..?चाहत और हकीक़तमें छोटा सा फर्क हैगर समझ गए तो जन्नतवरना गर्द है।जीवन की कश्ती मेरीड...
Shivani Maurya
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ऐ परिंदे काश मैं तुझ-सी होती तोड़ सब बंदिशें,बेपरवाही से पंख लेती पसारनील गगन में,मस्त पवन संग उड़ जाती कहीं दूर फलक में होकर बादलों पर सवार||ऐ समुन्दर काश मैं तुझ-सी होती क्षितिज होता मेरा भी अम्बर के पारअडिग,अविचल मैं अनवरत बहती जाती  समेट...
 पोस्ट लेवल : nature poem hindi hope poetry flower bird
Shivani Maurya
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बहुत कुछ खोना पड़ता है कुछ थोड़ा-सा पाने के लिएतिनका-तिनका संजोना पड़ता है यहाँ आशियां बनाने के लिए..खुद ही मरहम लगाना पड़ता है दर्द के शरारों को सुखाने के लिएएक-एक हसीं का हिसाब देना पड़ता है यहाँ रत्ती भर खिलखिलाने के लिए..गिरेबां को सदाक़त से सजाना...
 पोस्ट लेवल : poem motivation encourage hindi life hope positive
Shivani Maurya
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माना अँधेरा घना है पसरा हर ओरपर आस का चमकीला सितारामैं इसमें ओझल होने कैसे दूँमैं उम्मीद हूँ,तुम्हें ना उम्मीद होने कैसे दूँ|माना वीरान है दिल की ज़मींपर बीज तमन्ना का उगाये बगैरमैं इसे बंजर होने कैसे दूँमैं उम्मीद हूँ,तुम्हें ना उम्मीद होने कैसे दूँ|माना पाँव में ह...
 पोस्ट लेवल : poem motivation encourage hindi hope poetry positive
Babita Singh
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