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पोस्ट लेवल : "ishq"

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मैंने कुछ कहानियाँ गढ़ींकुछ किस्से कहेवो शामिल थे मुझमेंवो सुनते रहे।वो दूर बैठे थे महफ़िल मेंतमाशबीन बन करसीने से लगने को जी कियाअश्क़ बहते रहे।महफ़िल में हर शख्स ने तारीफ में उनकी वाहवाही लुटाईइशारों - इशारों में नज़रें फिरा कर हम भीबस उनके चेहरे को ही दे...

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किताब - रिस्क एट इश्क लेखिका - इरा टाकप्रकाशक - भारत पुस्तक भंडार विधा - प्रेमपरक उपन्यास छपा हुआ मूल्य - 295समीक्षक - तेजस पूनिया प्रेम को लेकर आदिकाल और मध्यकाल से ही लेखन चलता आ रहा है। इस संसार में प्रेम ही ऐसी चीज है जो कभी मिटाई नहीं जा सक...

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"घमंड" के अंदर सबसे बुरी बात ये होती है किवो आपको "महसूस" नहीं होने देता किआप गलत है..---------------सच्चा प्यार ❤ Time , Love ,Respect माँगता है,Flower, Chocolate, Gift नहीं..❗❗-----------------कुछ अच्छा होने पर जो इंसानसबसे पहले याद आता हैवो जिंदगी का सबस...

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मुक्तक रंग इश्क के अनगिनत, जैसा चाहे देखलेखपाल न रख सके लेकिन उनका लेखजी एस टी भी लग नहीं सकता, पटको शीश -खींच न लछमन भी सकें, इस पर कोई रेख*http://divyanarmada.blogspot.in/

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मुक्तकमाँ तो माँ ही होती है सपने बच्चों में बोती है जाकर भी कब जा पाती है?खो जाती मगर न खोती है. *इश्क क्यों हुस्न से हुआ करता?इश्क को रश्क क्यों हुआ करता?इश्क की मुश्क जरूरी क्यों है?इश्क क्यों इश्क की दुआ करता?१४-५-२०१७ *मुक्तक सलिला :संजीव.हमसे छिपते भी नहीं, स...