ब्लॉगसेतु

लोकेश नशीने
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ख़्वाब देखना तो जैसेभूल चुकी हैं आँखेंऔर नींद भी मानोअब, पहचानती ही नहींबस, थोड़ा सा आसरा हैइन यादों काउन बातों काजिसे महसूस किया है दिल नेदूरियों के बाद भीसिमट गई है कुछ पल मेंउस मुहब्बत की ख़ुश्बूमगरअब सिर्फ सन्नाटा हैइतना सन्नाटा किउकताने लगी हैतन्हाई भीचित्र साभ...
 पोस्ट लेवल : lokesh nashine कविता poetry तन्हाई
लोकेश नशीने
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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-8930566477748938", enable_page_level_ads: true }); आईने में देखता हूँ खुद कोऔर मुझे तुम नज़र आते होसोच में पड़ जाता हूँक्योंकि आईना पारदर्शी नहीं होताफिर ये...
 पोस्ट लेवल : lokesh nashine आईना nazm poetry
लोकेश नशीने
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गतांक से आगे...------------------- (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); दो घंटे बादरिपोर्टर- कैसे हुई दुर्घटनाचश्मदीद- भैया हम कई सालों से यहां चाय की दुकान चला रहे हैं, जब से सरकार ने चौड़ी और चिकनी सपाट सड़क बनाई है, आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं...
लोकेश नशीने
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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); रुको... रुको...इतनी तेज रफ्तार से मोटर साइकिल चलाना नियम विरुद्ध है,  जुर्माना भरना पड़ेगा, यह कहते हुए ट्रैफिक सिपाही ने रसीद बुक निकाली और तेज गति से आ रहे वाहन चालकों को रोकते हुए कहा।तभी बाइक पर सवार...
लोकेश नशीने
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खाली बैठे-बैठे ईश्वर ने सोचा कि चलो धरती का भ्रमण कर अपने बनाये मनुष्य का हालचाल लिया जाए। मनुष्य के आपसी प्रेम और बंधुत्व की भावना को परखा जाए। मनुष्यता और मानवीयता के विषय पर मनुष्य का विकास देखा जाए। धरती पर "मनुष्य" से भेंट की जाए। यही सोचकर धरती पर आए ईश्वर की...
लोकेश नशीने
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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); दिल की उम्मीदों को सीने में छिपाए रक्खाइन चिरागों को हवाओं से बचाए रक्खाहमसे मायूस होके लौट गई तन्हाई भीहमने खुद को तेरी यादों में डुबाए रक्खातिरे ख़्याल ने दिन-रात मुझे सताया हैहुई जो रात तो ख़्वाबों ने जगाए र...
लोकेश नशीने
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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); ख्वाब की तरह से आँखों में छिपाए रखनाहमको दुनिया की निगाहों से बचाए रखनाबिखर न जाऊं कहीं टूटकर आंसू की तरहमेरे वजूद को पलकों पे उठाए रखनाआज है ग़म तो यक़ीनन ख़ुशी भी आएगीदिल में एक शम्मा तो उम्मीदों की...
लोकेश नशीने
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(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-8930566477748938", enable_page_level_ads: true }); प्यार हमने किया ज़िन्दगी की तरहआप हरदम मिले अजनबी की तरहमैं भी इंसां हूँ, इंसान हैं आप भीफिर मिलते क्यों नहीं आदमी की तरहमेरे सीन...
लोकेश नशीने
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फेफड़ों को खुली हवा न मिलीन मिली आपसे वफ़ा न मिलीदुश्मनी ढूँढ़-ढूंढ़ कर हारीदोस्ती है जो लापता न मिलीवक़्त पे छोड़ दिया है सब कुछदर्दे-दिल की कोई दवा न मिली (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); हर किसी हाथ में मिला खंज़रआपकी बात भी जुदा न मिलीहै न हैरत,...
लोकेश नशीने
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बिछड़ते वक़्त तेरे अश्क़ का हर इक क़तरालिपट के रास्ते से मेरे तरबतर निकलाखुशी से दर्द की आँखों में आ गए आंसूमिला जो शख़्स वो ख़्वाबों का हमसफ़र निकला (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); रोज दाने बिखेरता है जो परिंदों कोउसके तहख़ाने से कटा हुआ शजर निकला...