Ek Tarfa Pyar / एकतरफा प्रेम/ One Sided LoveEk Tarfa Pyar / एकतरफा प्रेम/ One Sided Loveमै उसके प्यार मे तड़प रहा यहाँ, वो खा रही थी पॉपकॉर्न खड़ी वहाँ lकई पॉप कॉर्न खाने के बहाने झाक रहे, और कई उसे ताड़ रहे थे llमै तो घूरे जा रहा था, कभी उस पॉपकॉर्न को कभी उसे lमन...
पोस्ट लेवल : "poem"

0
चक्रव्यूह बाह्य रुदन ,भीतर पीड़ा, अव्यवस्था की शमशीर सर आज,वक़्त डराता है ,गिराता है ,बिखेर देने की धमकियाँ देता है ! सोचती हूँ , हम संभले ही कब थे जो लड़खड़ाने का डर हो ,बँधे ही कब थे जो बिखर जाने का डर हो !फिर भी मुस्कुराहटें ओढ़े रहत...

0
मैंने नदी से पूछा, नदी- तेरा गाँव कहाँ है? दिल को जहाँ सुकून मिले वो पीपल की छाँव कहाँ है? नदी बोली- मैं जहाँ रूकती हूँ, वहीं मेरा गाँव है। मेरी ठंडक का अहसास ही, पीपल की छाँव है। मेरे किनारे पर ही बसते है घाट, मंदिर और बस्तियाँ अपार। ...

0
जिंदगी और अन्य कवितायें - विनय भारत शर्मा ज़िन्दगी उछलती, मचलती,गडमडातीसाथ चलकर फडफ़ड़ाती,दुख- सुख, दर्द सुकूनहिस्सों में बटकरकहीं भटककररास्ते परबढ़ती गाड़ी ज़िन्दगी गुमनाम है।** समस्या मैं एक दिन चिंता में डूबा हुआ था,चिंता मुझे खा रही थीया मैं चिंता को ये समझ रहा था...

0
"धीरे-धीरे मै दूर हो रहा हूँ"धीरे-धीरे मै सबसे।दूर होता जा रहा हूँ।। पता नहीं मैं क्यों इतना। मजबूर होता जा रहा हूँ।। खुशियाँ दूर जाती दिख रही हैं। और दुःख बाहों में जकड़ रही हैं।। पढ़ाई में मन लगाने के बजाए। सोशलमीडिया की ओर खिचा जा रहा...

0
"जीना सीख" जब मै गिरा तो। उठाने कौन आएगा।। जब चोट लगेगी। तब दिखलाने कौन जायेगा।। मै बैठा सोच रहा था। अपने दिमाग के दरवाजे ठोक रहा था।। अपने है तो,मै ये सोच रहा था। अपने सर के बालों को नोच रहा था।।कि जिसका कोई नहीं है। जिसका घर ही नहीं है।।...

0
नमस्ते दोस्तों, कुछ कुछ पंक्तियां सालों पहले की लिखी मेल के ड्राफ्ट में दर्ज थीं। आज देखीं तो सोचा कि इन्हें ठीकठाक आकार में ढालकर शेर बनाया जाए। करीब दस मिनट की मशक्कत के बाद ये तीन कुछ मिसरे हो सके। अखबार में काम करता हूं। इस समय आॅफिस जाने का अलार्म बज उठा है। इ...

0
"मै अनजान हूँ"मै बहुत अनजान हूँ। अपने इस दुनियाँ से।। न समझ है मुझमें। न समझ है कदर की।। खुद से ही मैं परे हूँ। अपनी इस दुनियाँ में।। मोहलत और दुःख दोनों। खुशियों की बात करते है।। इस अनजान दुनियाँ में। जहाँ इंसानों की कदर नहीं।। वहाँ दुनियाँ का...

0
आज हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है की हमें हर साल 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाने का मौका मिलता है| हर साल की तरह इस साल भी सभी को इस दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाए व इस दिवस पर पेश है मेरे नई बाल कविता "मेरे सपनों का भारत " मेरे सपनों...

0
"मोती सी चमक" मोती सी चमक। घासों में नजर आता है।। वह मनोरम खुशबू। सिर्फ फूलों से महक आते है।। चाँद की रोशनी में भी। सितारे नजर आते है।। वह ओश की बूंद। दरवाजे पर दस्तक दे जाते है।। मै रोज टहलता हूँ सुबह। कोहरा ही कोहरा नजर आता है।। इस ठंडे हवा के झोकों से।&nbs...