ब्लॉगसेतु

Shivani Maurya
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image-credit~Googleमुझे लगते ख़्वाबों के ये अफ़साने है प्यारे बड़ेअसल में तो दुखते है हकीक़त के छाले बड़ेकिसे कहूँ यार अपना,नहीं कोई अब दिलदार अपनादिल को मेरे खलते हैं अपनों के ये दिखावे बड़ेलम्हा है ख़ुशी का जी भर के मुस्कुराने दो इन्हेंमेरी आँखों ने सैलाब ग़मों के है बाअ...
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Shivani Maurya
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इक सफर ऐसा भी तय होमंज़िल जिसकी तुम,तुम ही रहगुज़र होखुद से भटक कर जहाँ पहुँच खुद तक जाना हो खोकर खुद कोखुद ही को पाना होसमाज ये खोखलाखोखलें इसके कायदे हैझूठी है हर रीतझूठे इसके सब वायदे है तो उतार फेंको ढकोसलों का ये चोलानिकल पड़ो घर से ...