शहर के बीचो -बीच बना हॉल लोगों से भरा हुआ है, कुछ वक्ता थे और कुछ सुनने वाले । आलम यह था कि हर किसी को बोलना था लॉकडाउन में बहुत दिनों तक नहीं सुने जाने से हर शख्स परेशान था। किसी न किसी को अपनी कहानी को सुनने वाले की तलाश थी । आठ महीने बाद...
पोस्ट लेवल : "society"

0
I don't have any Official page on Facebook or Social Media - Ayatollah Aqeel ul Gharavi

0
जौनपुर कभी "शिराज़-ए-हिंद" के नाम से मशहूर था, और इसके इत्र की खुशबू पूरे तो भारत मशहूर थी | जौनपुर का अतीत गौरवशाली रहा है। शर्की शासनकाल में कला, साहित्य और संगीत का यह प्रमुख केंद्र हुआ करता था। मुगल काल में भी इसकी समृद्धि बढ़ी। ब्रिटिश काल में इसे व्यावस...

0
ऐसा लगता है की जौनपुर के इत्र और इमरती की खुशबु अब पूरी दुनिया महसूस करेगी क्यों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दम तोड़ रहे जौनपुर के इत्र उद्योग व इमरती को ब्रांडिंग करने क आश्वासन देते हुए जौनपुरवासियों को उम्...

0
उत्तर प्रदेश में विभिन्न जातियाँ निवास करती हैं, ऐसी ही एक है हिंदू जाति से संबंध रखने वाली भर जाति, तो आईए जानते हैं इनके बारे में। भर जाति को विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे राजभर , भरत, भरपतवा। भर शब्द आदिवासी भाषाओं जैसे, गोंडी और मुंडा से लिया गया है, जिसका...

0
कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद मानव्ता की जीत हुयी यही सन्देश मुहर्रम में दिया जाता है | एस एम् मासूम मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर हिजरी का पहला महीना है और इस महीने की इस्लाम धर्म में बड़ी अहमियत रही है और इस महीने रोज़ा रखना पुण्य का काम है |&nbs...

0
आखिर क्या है सम्बंध सगे- सम्बंधी मेंया बिना संबंध के हीरहते हैं एक साथजैसे रहते हैं कई बार लोगया दोनों है एक दूसरे के पूरकक्या ये मिलकर बनाते हैं परिधिजिसमें समा सकते हैंसारे रिश्तेइक ऐसी परिधिजिसमें कुछ रिश्ते बंधे तो हैंसम्बन्ध की डोर सेमगर हैंभावहीन...

0
(१) प्रेम जो प्रेमिका को खाता हैउसके हाथों ने छत नहीं अचानक आसमान को छू लिया. नए-नए प्रेम का असर दिख गया. ढीठ मन सप्तम स्वर में गा दिया गोया दुनिया को जताना चाह रही हो कि अब तो उसका जहाँ, प्रेम की मखमली जमीन है बस क्योंकि प्रेम उरूज़ पर था.फिर एक रोज चौखट पर रखा दिय...

0
समाजशास्त्र : कैरिएर की अपार संभावनाओं से भरा विषयसमाजशास्त्र को एक ऐसे विषय के रूप में जाना जाता है जिसका व्यावहारिक अनुप्रयोग अत्यंत सीमित है, जबकि वास्तविकता में ऐसा नही है। लोग एक दूसरे के साथ किस आधार पर बातचीत करते हैं इसे विभिन्न दृष्टिकोण से समझना, आंकड़ो...

0
पहन लेती वो खामोशी, जब नाशाद होती है।तहजीबें हार जातीं, जब हया बर्बाद होती है॥देखे इन आंखों ने, सरहदों जमीं के बटवारें।हर खबरो बवालों की, इक मियाद होती है॥चढा कितनीं ही चादर, बांध मन्नत के धागे।कहाँ कबूल हर छोटी बडी, फरियाद होती है॥घडी दो घडी भर के, ये मातम, ये मला...