शाम के छह बजे हैं और मैं एक बार होटल से निकल कर अपनी साइकिल लेकर माया देवी मंदिर की ओर चल पड़ा हूं। इस मंदिर का प्रवेश गेट नंबर 4 से है। गेट से करीब एक किलोमीटर अंदर जाने के बाद हरे भरे विशाल परिसर में मायादेवी का मंदिर है। काफी लोग मंदिर की ओर पैदल भी जा रहे हैं।...
पोस्ट लेवल : "world heritage site"

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भोपाल में दूसरी बार सांची के लिए चल पड़ा हूं। सन 1995 में सांची यात्रा की यादें धुंधली हो गई हैं। तो सांची जाने का मतलब उन यादों को एक बार फिर ताजा करना है। सांची यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में शुमार है। एक ऐसा बौद्ध स्थल है जहां बार बार आने की इच्छा होती है।...

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हम पहुंच गए विश्व विरासत स्थल भीम बेटका के प्रवेश द्वार पर। यहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण के सुरक्षा गार्ड लगे हुए हैं। यहां पर हमें एक गाइड भी मिलते हैं जो कुछ सौ रुपये लेकर हमें भीम बेटका दिखाने की बात करते हैं। पर उनकी कोई खास जरूरत नहीं है। यहां पर सभी गुफ...

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एक दिन पहले की अपेक्षा भोपाल में आज ठंड बढ़ गई है। फरवरी के महीने में इतनी ठंड भोपाल में कभी नहीं पड़ी। सुबह सुबह मैं भीम बेटका के लिए निकल पड़ा हूं। होटल से चेकआउट कर दिया है। हमने रेलवे स्टेशन के पास के बस स्टैंड से इटारसी जाने वाली बस ली है। भीम बेटका भोपा...

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इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–दिन के 11 बज चुके थे। राजगीर के बस स्टैण्ड चौराहे पर 30 रूपये वाला ʺमेवाड़ प्रेम मिल्क शेकʺ पीकर मैं नालन्दा की ओर चल पड़ा। लगभग 12 किमी की दूरी है। लेकिन नालन्दा पहुँचने से पहले राजगीर से लगभग 7 किमी की दू...

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चंपानेर-पावागढ़ के ऐतिहासिक स्थलों में सात कमान प्रमुख है। यह सात कमान गुजरात राज्य की पहचान बन चुका है। गुजरात के सरदार वल्लभाई पटेल एयरपोर्ट पर सात कमान की विशाल तस्वीर को गुजरात की प्रमुख ऐतिहासिक प्रतीक के तौर पर पेश किया गया है। सात कमान का निर्माण स्थानीय पील...

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जामा मस्जिद चंपानेर की सबसे कलात्मक कृति है। यह सैलानियों की सबसे लोकप्रिय जगह भी है। चंपानेर को जिन कलात्मक स्थलों के कारण यूनेस्को की विश्व विरासत की सूची में जगह मिली है उसमें जामा मसजिद प्रमुख है। पावागढ़ बस स्टैंड से जामा मस्जिद की दूरी लगभग दो किलोमीटर ह...

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इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–भद्र किले से 10 मिनट से कुछ कम की ही पैदल दूरी पर सीदी सैयद मस्जिद बनी हुई है। मैं रास्ता पूछता हुआ वहाँ पहुँच गया। सीदी सैयद की मस्जिद में बनी जालियां काफी प्रसिद्ध हैं। सीदी सैयद की मस्जिद एक छोटी सी इमार...

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इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–अहमदाबाद या फिर पूरे गुजरात का इतिहास सामान्यतः 10वीं सदी के पूर्वार्द्ध तक कन्नौज के गुर्जर प्रतिहार शासकों से जुड़ा हुआ रहा है। 10वीं सदी में राष्ट्रकूट शासक इन्द्र तृतीय ने गुर्जर प्रतिहार शासक महिपाल को...

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इस यात्रा के बारे में शुरू से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें–जैन मंदिर के पास से मुझे पता लगा कि बस स्टैण्ड पास में ही या लगभग एक किमी की दूरी पर है। लेकिन यह जूना बस स्टैण्ड है। नये बस स्टैण्ड जाने के लिए मुझे 50 का पहाड़ा पढ़ने वाले ऑटो वालों की ही सुनना था। 2.30 ब...